Breaking News : किसानों ने विधायक को पीटा, किसाना नेता ने दी यह सफाई

नई दिल्ली। पंजाब के मुक्तसर में भाजपा विधायक अरुण नारंग की पिटाई पर राजनीति गर्मा गई है। किसानों ने मलोट इलाके में उन पर हमला किया और उनके कपड़े फाड़ दिए, उसके बाद उन्हें निर्वस्त्र कर दिया। और तो और किसानों ने विधायक नारंग को पुलिस के सुरक्षा घेरे से खींचने की भी कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने उपद्रव को रोकने के लिए कोई बल प्रयोग नहीं किया। इस घटना की जानकारी मिलने पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि किसानों ने भाजपा विधायक को खाली काले झंडे दिखाए थे उनके साथ मारपीट नहीं की थी। जबकि सच्चाई कुछ और थी। 



दिल्ली की सीमा यूपी गेट पर किसानों के धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राकेश टिकैत ने कहा कि ये सब किसानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है। जिससे आम लोगों की नजरों में किसानों की छवि खराब हो और आंदोलन पर असर पड़े। पंजाब से आए कृषि कानूनों के विरोध में आए किसानों को प्रभावित करने के लिए इस तरह की साजिशें रजी जा रही हैं। 


दरअसल विधायक नारंग मलोट में शनिवार दोपहर को पत्रकारों से बातचीत करने पहुंचे थे। उनके यहां पहुंचने से पहले ही किसान भाजपा दफ्तर के बाहर इकट्ठा होकर नारेबाजी कर रहे थे। जैसे ही नारंग भाजपा के मुक्तसर जिला के प्रधान राजेश गोरा पठेला के साथ वहां पहुंचे तो किसानों ने उनका घेराव शुरू कर कालिख फेंक दी। 


वहां मौजूद पुलिस व भाजपा नेता बीच-बचाव कर नारंग को पास की दुकान में ले गए। करीब एक घंटा तक विधायक इस दुकान में रहे। बाहर किसानों ने उनकी गाड़ी पर भी कालिख पोत दी और अपशब्द भी लिखे। इसके बाद पुलिस ने नारंग को जब बाहर निकाला तो किसानों ने उन पर दोबारा हमला कर दिया। पुलिस के सुरक्षा चक्र को तोड़ते हुए किसानों ने उनकी पिटाई की और उनके कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद पुलिस नारंग को बचाने के लिए भाजपा नेता की दुकान में ले गई और शटर बंद कर दिया। कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें दुकान के पिछले दरवाजे से सुरक्षित निकाला। 


विधायक के पहुंचने से पहले घटनास्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद थी। पुलिस की मौजूदगी में विधायक पर हमला, उनके कपड़े फाड़े जाने व कालिख फेंके जाने की घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है। घटना की सूचना मिलने के बाद एसपी राजपाल सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन डीएसपी जसपाल सिंह, एसएचओ थाना सिटी हरजीत सिंह मान, थाना सदर के एसएचओ परमजीत सिंह पहले से ही पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद थे।

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