UP : होली का मौका और प्रधानी



मौका तो होली का है। ऐसे मौके को नेताजी गंवाना नहीं चाहते। होली के बहान ही रूठे हुए लोगों को मनाकर कुर्सी पाने की चाहत में जुटे हुए हैं। मनाने के लिए रंगों के साथ ही होली की दावतें भी शुरू हो गई हैं। मतदाताओं के घरों में होली के पकवान भी भिजवाए जा रहे हैं। आखिर घर की मालकिन का भी तो वोट चाहिए। पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ ही संभावित प्रत्याशियों की चौपालों के कारण इन दिनों गांव-गांव होली का रंग पूरी तरह चुनावी हो गया है।
होली के रंगों के बीच गांव की सरकार बनाने के लिए बिगुल बज चुका है। गांव की सरकार चुनने के लिए मुश्किल से एक पखवाड़े का समय बचा है। ऐसे में गांवों में होली का रंग भी चुनावी हो गया है। प्रधान पद की कुर्सी पाने के लिए गांव के नेता काफी एक्टिव हो चुके हैं। दो दिन पहले चुनाव की घोषणा के साथ ही नेताजी का बजट बढ़ गया है। गांव में अब चौपालें सजने लगी हैं और इन चौपालों में जुटने वाले लोगों को अपना वोटर बनाने के लिए नेताजी रंग गुलाल के साथ ही दावतें भी रख रहे हैं। वह घर-घर जाकर लोगों का आशीर्वाद ले रहे हैं साथ ही वोट मांगना भी नहीं भूल रहे हैं।

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