कैसे कंट्रोल होगा कोरोना? कोविड-19 के हालातों पर चर्चा करने को 17 अप्रैल को होगी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक | Khabare Purvanchal

भारत में कोरोना वायरस की बढ़ती रफ्तार के बीच कांग्रेस की एक अहम बैठक होने वाली है। देश में कोरोना के हालातों पर चर्चा करने के लिए 17 अप्रैल को कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की एक बैठक बुलाई है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब महामारी पर अलग से चर्चा करने के लिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई है। बता दें कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी, पार्टी की कार्यकारिणी इकाई है। 


संगठन के प्रभारी पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के एक पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की एक बैठक शनिवार 17 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश में कोविद -19 की दूसरी लहर से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए आयोजित की जाएगी। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रमुख राहुल गांधी दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कोरोना संकट से निपटने के उपाय सुझाए हैं। एक ओर जहां सोनिया गांधी ने खत लिखकर यह मांग की है कि सभी घरेलू वैक्सीन उम्मीदवारों को आपातकालीन यूज की मंजूरी दी जाए, वहीं राहुल गांधी ने मांग की है कि घरे मांग को पूरा करने के उद्देश्य से वैक्सीन की निर्यात को रोक दिया जाए। 

कोरोना की दूसरी लहर भारत में कहर बरपा रही है। देश में कोरोना वायरस से करीब 13.8 मिलियन (1,38,70,731) लोग संक्रमित हो चुके हैं। पूरी दुनिया में कोरोना के जितने मामले हैं, उसमें दस फीसदी मामले केवल भारत में ही हैं। देश में मंगलवार रात तक संक्रमण के 185,248 नए मामले दर्ज किए गए। यह महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में मिलने वाले नए संक्रमितों का सर्वाधिक आंकड़ा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस अवधि में 1025 लोगों की मौत हो गई। अब तक के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,38,70,731 हो गई है। कोरोना से पीड़ित लोगों के ठीक होने की दर और गिरकर 89.51 प्रतिशत रह गई है। 

सोनिया ने अपने खत में क्या लिखा
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि उम्र की बजाय जरूरत के हिसाब से टीकाकरण का विस्तार किया जाए, राज्यों में संक्रमण की स्थिति के मुताबिक टीके उपलब्ध कराये जाएं तथा दूसरी कंपनियों के टीकों को आपात स्थिति में उपयोग की अनुमति प्रदान की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में यह भी कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए उठाए जा रहे सख्त कदमों के मद्देनजर गरीबों को छह हजार रुपये की मासिक मदद मुहैया कराई जाए।

सोनिया ने शनिवार को हुई कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक का हवाला देते हुए पत्र में कहा, 'टीका एक बड़ी उम्मीद है। दुख की बात है कि ज्यादातर राज्यों में तीन से पांच दिन का ही टीका बचा हुआ है। ऐसे में हमें टीके को यहां बनाने की गति तेज करने के साथ ही अन्य कंपनियों के टीके को आपात स्थिति में उपयोग की अविलंब मंजूरी देने की जरूरत है।' उन्होंने यह भी कहा कि उम्र की बजाय जरूरत के मुताबिक टीके की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए तथा राज्यों को भी संक्रमण की स्थिति और आगे के अनुमान के आधार पर ही टीके उपलब्ध कराये जाएं।


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