उन्होंने ने संवाददाता को बताया है कि कोरोना से मृत्यु मुखी हुए रोगियों के परिजनों को यह जानकारी नही मिल पाती है कि उनके रोगी का उपचार बाकायदा हुआ है।उपचार में कौन - कौन से संसाधन एवं औषधियों का उपयोग किया गया है। हाल में ही नालासोपारा (प)" रिद्धि विनायक अस्पताल" में 12 अप्रैल 2021 को तीन रोगियों की मौत हो गई है, जिनमें मनपा वार्ड क्र-47 के पूर्व नगरसेवक किसन माया वांडागले भी थे।अचोले स्थित "विनायका अस्पताल" में भी उसी दिन सायं तक 7 रोगी मृत्यु मुखी हो गए ।उनके परिजनों ने इकठ्ठा होकर अस्पताल प्रशासन के विरुद्ध हंगामा किया और आरोप भी लगाया कि अस्पताल की लापरवाही के चलते उनके परिवारजन की मृत्यु हुई है।
"सलाम वसई सेवा संघ" के अध्यक्ष विनय कैलाश तिवारी यह भी कहा कि रोगियों का अस्पतालों में किस तरह का उपचार होता है,रोगियों के परिजनों को ज्ञात नही हो पाता ।इस लिए स्थानीय प्रशासन कोविड-19 के परीक्षण केंद्रों, आइसोलेशन वार्डो एवं अन्य उपचार से सम्बंधित कक्षों में सी सी टी बी लगाए तथा उपचार केंद्र के बाहर स्क्रीन लगाकर प्रदर्शित करें।ताकि रोगियों के परिजन आश्वस्त एवं संतुष्ट रहे कि उनके रोगी की उपचार प्रक्रिया समुचित रही है ।
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