ज्योतिष और द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने नीलधारा में शाही स्नान किया। उन्होंने सबसे पहले मां गंगा का पूजन कर दुग्धाभिषेक किया। साथ ही हरिद्वार नहीं पहुंच पाने वाले श्रद्धालुओं को अपने पास की नदी में ही कुंभ का स्नान कर कोरोना के नियमों का पालन कर सावधानी बरतने के लिए कहा है।
बुधवार को सुबह करीब साढ़े नौ बजे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती अपने विशेष वाहन से कनखल स्थित शंकराचार्य मठ से नीलधारा पहुंचे। यहां उनके प्रतिनिधि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सहित अन्य संतों ने उनके साथ नीलधारा में कुंभ का शाही स्नान किया। स्नान के बाद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में गुरु होने पर हरिद्वार में कुंभ शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। लोग एक दूसरे से दूरी बनाने के साथ मास्क अवश्य लगाएं। अपनी शरीर की ऊर्जा को बनाकर रखें।
शाही स्नान पर कोरोना के कारण हरिद्वार न पहुंच पाने वाले श्रद्धालुओं के बारें में उन्होंने कहा कि जो लोग हरिद्वार नहीं आ पाए वह अपने आसपास की नदी में स्नान कर लें। गंगा जल धारा वहां तक पहुंच रही है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि आराधना और उपासना में समय का सद्पयोग करने के साथ ही देश पर आए महामारी के संकट को दूर करने के लिए अयुत चंडी महायज्ञ में एक करोड़ आहूतियों देकर आराधना की जा रही हैं।
उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। इस महामारी को एक साल का समय बीत गया। अब फिर से लॉकडाउन लगने की बात सामने आ रही है। सरकार को अपनी काफी तैयारी करनी चाहिए थी। कहा कि राजनेता चुनावी रैली करने में व्यवस्त हैं। संक्रमण को लेकर गंभीरता बरती जाएं। उन्होंने सभी से सरकार की गाइडलाइन का पालन करने की भी अपील की। इस दौरान ब्रह्मचारी रामानंद सरस्वती, ब्रह्मचारी मुकुंदानंद सरस्वती, प्रेशवानंद सरस्वती आदि मौजूद रहे।
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