RBI का तोहफा, RTGS और NEFT के लिए अब बैंकों की जरूरत नहीं पड़ेगी | Khabare Purvanchal

RBI Credit Policy 2021: केंद्रीय बैंक आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) में अहम फैसला लिया है. नॉन-बैंक पेमेंट संस्थानों के लिए आरबीआई द्वारा संचालित केंद्रीयकृत पेमेंट सिस्टम आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी (NEFT) की सदस्यता की अनुमति दी गई है. आरबीआई के इस प्रस्ताव से पीपीआई, कार्ड नेटवर्क्‍स, वाइड लेवल एटीएम ऑपरेटर्स जैसे नॉन-बैंक पेमेंट सिस्टम भी केंद्रीय बैंक द्वारा संचालित की जाने वाली आरटीजीएस और एनईएफटी की सदस्यता ले सकेंगे. इस प्रवृत्ति को मजबूत करने और भुगतान प्रणालियों में गैर-बैंकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए, भुगतान प्रणाली ऑपरेटरों को रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित सीपीएस में सीधे सदस्यता लेने का प्रस्ताव है.


इस सुविधा को बढ़ाने से वित्तीय सिस्टम में सेटलमेंट जोखिम को कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही देश में डिजिटल वित्तीय सुविधाओं को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी. हालांकि, ये संस्थाएं इन सीपीएस में अपने लेन-देन के निपटान की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक की किसी भी कैश की सुविधा के पात्र नहीं होंगी. दूसरी ओर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों और एनबीएफसी को निर्देश दिया है कि वे 1 मार्च से 31 अगस्त, 2020 तक की अधिस्थगन अवधि के दौरान उधारकर्ताओं को दिए गए 'ब्याज पर ब्याज' को वापस करने या समायोजित करने के लिए बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीति को तुरंत लागू करें. पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने बड़े कर्जदारों को बड़ी राहत देते हुए फैसला सुनाया था कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा घोषित छह महीने की मोहलत के दौरान 2 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण सहित किसी भी ऋण पर कोई दंड या चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लिया जाएगा.

रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट को 4 फीसदी पर स्थिर रखने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा की. आईबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो रेट को 4 फीसदी पर और रिवर्स रिपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया है. 

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