छोटी नौका |Khabare Purvanchal

सागर के सीने पर तैरती छोटी नौका,
सागर की लहरों से लड़ती छोटी नौका।
उछलती, गिरती आगे बढ़ती छोटी नौका,
सीने को चीरती, मुस्कुराती छोटी नौका।
साहस की पतवार, चलाती छोटी नौका,
आंखों में सपने, सजाती छोटी नौका।
मंजिल पाने की जिद, लिए छोटी नौका,
अपनों से मिलने की, चाह छोटी नौका।
समुंदर डराता, न डरती छोटी नौका,
हवाओं के शोर से ,ना झुके छोटी नौका।
तट पर पहुंचकर, खिलखिलाएगी नौका,
अपनों के बीच गीत गायेगी छोटी नौका।।
रचनाकार
शिवपूजन पांडे,
महापौर पुरस्कृत शिक्षक

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