नई दिल्ली. चीनी सैनिकों के साथ लद्दाख के पास गलवान घाटी में बीते साल हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 सैनिकों को आर्मी चीफ एम.एम. नरवाणे ने श्रद्धांजलि दी है। उनके अलावा सेना के कई अन्य वरिष्ठ अफसरों ने जांबाज सैनिकों की शहादत को याद किया। इसके अलावा लेह में स्थित युद्ध स्मारक में मेजर जनरल आकाश कौशिक ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कौशिक ने कहा कि सबसे मुश्किल मोर्चों में से एक पर सैनिकों की ओर से दिए गए इस बलिदान को देश हमेशा याद रखेगा। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से झड़प में 15 जून, 2020 को भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे।
इस झड़प में मारे गए अपने सैनिकों का चीन ने लंबे समय तक कोई आंकड़ा नहीं दिया था। हालांकि कई महीनों बाद चीन की ओर से 4 सैनिकों के मरने की आधिकारिक पुष्टि की गई थी। हालांकि रूसी एजेंसी तास ने अपनी रिपोर्ट में चीन के करीब 50 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था। गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बाद तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। करीब 4 दशक के बाद ऐसा हुआ था, जब भारत और चीन के सैनिकों के बीच सीमा पर गोलियां चली थीं। इस घटना के जवाब में भारत सरकार ने चीन की कई कंपनियों के भारत में कारोबार पर रोक लगा दी थी। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक समेत कई ऐप्स को बैन कर दिया था।
Army Chief General MM Naravane & all ranks of Army pay homage to braveheats who made supreme sacrifice in #Galwan Valley while defending the territorial integrity & sovereignty of the country. Their valour will be eternally etched in memory of the nation: Indian Army
— ANI (@ANI) June 15, 2021
(File pics) pic.twitter.com/qc5UH1Oiqn
हालांकि अब भारत ने गलवान घाटी समेत लद्दाख में अपने सैनिकों की तैनाती में बड़ा इजाफा किया है। इसके अलावा एलएसी के पाल वायु सेना की तैनाती भी बढ़ाई गई है ताकि किसी भी तरह के टकराव की स्थिति में तत्काल मोर्चे पर डटा जा सके। एक सीनियर सरकारी अफसर ने कहा कि गलवान घाटी में झड़प के बाद से भारतीय वायुसेना की तैनाती में इजाफा किया गया है। गलवान घाटी में झड़प के बाद से ही भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। गलवान घाटी से पहले भारत और चीन के बाद डोकलाम में भी करीब तीन महीने तक गतिरोध बना रहा था।
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