मुंबई: विश्व स्तर के लब्धप्रतिष्ठ नैयायिक विद्वान् प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के अभिनव कुलपति नियुक्त हुए हैं।उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में स्थित चकिया ग्राम में जायमान प्रोफ़ेसर त्रिपाठी संस्कृत की सेवा में अपना पूरा जीवन लगाए हुए हैं संस्कृत भारती के दिल्ली प्रांत के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने संस्कृत के प्रचार प्रसार और उन्नयन के लिए बहुत कार्य किया है।
श्री लालबहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री दिल्ली के सर्वदर्शन संकाय के अध्यक्ष प्रो त्रिपाठी उत्तर प्रदेश के माननीय पूर्व राज्यपाल डॉ विष्णु कान्त शास्त्री द्वारा श्रेष्ठ विद्वान् के रूप में एवं महामहिम पूर्व राष्ट्रपति द्वारा "महर्षि बादरायण " पुरस्कार से सम्मानित हुए हैं।प्रोफेसर त्रिपाठी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में नियुक्ति का समाचार सुनकर संस्कृत जगत् में उत्साह के साथ प्रसन्नता का वातावरण है । निश्चित रूप से उनके कुलपति काल में हमारी प्राचीन विरासत रूपी भारतीय विद्या के संरक्षण के साथ संवर्धन भी होगा। हम संस्कृत जगत के संस्कृत विद्या के उपासक उनका हार्दिक सम्मान करते हैं अभिनंदन करते हैं उनका सम्मान करने वालों में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के न्याय विभाग के पूर्व आचार्य पंडित प्रवर वशिष्ठ त्रिपाठी जी वेदांत विभाग के पूर्व आचार्य प्रूफ सर जय प्रकाश नारायण त्रिपाठी ,जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के संस्कृत विभाग के पूर्व आचार्य अध्यक्ष प्रोफ़ेसर सत्य प्रकाश दुबे, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के सभी आचार्य और काशी के विद्वत् परिषद के अध्यक्ष पद्मश्रीआचार्य श्री राम यत्न शुक्ल ने उनको बहुत-बहुत आशीर्वाद दिया है और यह भगवान विश्वनाथ से प्रार्थना की है कि वह संस्कृत भाषा में निहित ज्ञान विज्ञान ,हमारी भारतीय विद्या है उस भारतीय विद्या का संरक्षण और संवर्धन करें और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय को केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के रूप में प्रतिष्ठित करवाने में भी अपना अमूल्य योगदान दें। शिक्षाविद् शिव पूजन पांडेय, डॉ अंबरीश दुबे, डॉ अरविंद दुबे ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की।
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