नई दिल्ली. राजधानी दिल्ली में सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के धरना स्थल की फोटो खींचने के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों के एक समूह ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के दो असिस्टेंड सब-इंस्पक्टरों पर कथित रूप से हमला कर दिया। घटना 10 जून की है, इस संबंध में नरेला थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
घटना के संबंध में बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वो पुलिस कर्मी सिविल ड्रेस में होंगे, उनको लगा होगा कि चैनल के लोग हैं और हमें गलत तरह से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते। पुलिस और सरकार किसानों को भड़काना चाहते हैं। यदि पुलिस कई दिनों से प्रदर्शन स्थल का दौरा कर रही है तो संपर्क स्थापित किया जाना चाहिए था। वे एफआईआर दर्ज कर सकते हैं, लेकिन उसमें लिखने के लिए कुछ होना चाहिए।
26 जून को देशभर में राजभवन के बाहर संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शन पर टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के 7 महीने पूरे होने पर राज्यपाल को एक ज्ञापन जाएगा और ये ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम होगा। 7 महीने पूरे हो गए हैं, सरकार बात नहीं कर रही है तो राष्ट्रपति को हस्तक्षेप करना चाहिए ये ज्ञापन जाएगा।
नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते साल 26 नवंबर से हजारों की तादाद में किसान दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है। वहीं सरकार की तरफ से यह साफ कर दिया गया है कि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन संशोधन संभव है।
They (Police) must have been in civil dress & farmers might have mistaken them for channel people (media) who portray their movement in bad light. We don't engage in violence: BKU leader Rakesh Tikait on farmers allegedly assaulting two policemen for clicking photos on June 10 pic.twitter.com/3g3ZBEoHkx
— ANI (@ANI) June 12, 2021
किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों - द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार सितंबर में पारित किए तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।
0 Comments