गुवाहाटी. कोरोना पॉजिटिव ससुर को पीठ पर लादकर लाने की असम की निहारिका दास की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। निहारिका दास की इस तस्वीर ने एक तरफ उनके सेवा भाव को दिखाया है तो दूसरी तरफ बेबसी भी उजागर हुई है। ससुर कोरोना से संक्रमित थे और कोई मदद के लिए आगे नहीं आया तो निहारिका दास ने उन्हें अपनी पीठ पर लादकर ही ऑटोरिक्शा तक पहुंचाया, जिसमें बैठकर वे अस्पताल जाने वाले थे। अपनी इस बेबसी को लेकर निहारिका दास का कहना है कि उम्मीद करती हूं कि भविष्य में किसी को इस तरह की स्थिति से न गुजरना पड़े। असम के नागांव के राहा इलाके की निहारिका के ससुर पान-सुपारी बेचने का काम करते हैं।
निहारिका ने बताया कि 2 जून को उनमें कोरोना के लक्षण दिखने शुरू हुए थे। इसके बाद निहारिका ने किसी तरह से ऑटो रिक्शा की व्यवस्था की और 75 वर्षीय ससुर को अस्पताल पहुंचाया। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में निहारिका ने कहा, 'मेरे ससुर बेहद कमजोरी महसूस कर रहे थे और खड़े भी नहीं हो पा रहे थे। मेरे पति काम के चलते सिलिगुड़ी में थे। ऐसे में मेरे पास उन्हें अपनी पीठ पर लादकर ले जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा था। इसकी वजह यह भी थी कि हमारी गली संकरी थी और इसके चलते ऑटो आ नहीं सकता था। ऐसे में मैं ससुर को लेकर वहां तक पहुंची।'
हालांकि निहारिका दास की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुईं। नजदीक के अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें अपने ससुर को 21 किलोमीटर दूर स्थित कोविड अस्पताल लेकर जाना होगा क्योंकि उनकी स्थिति गंभीर थी। 6 साल के बेटे की मां निहारिका ने कहा कि इसके बाद हमें एक और गाड़ी बुलानी पड़ी। वहां पर कोई एंबुलेंस, स्ट्रेचर की व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में एक बार फिर से मुझे ही अपने ससुर को पीठ पर लादकर गाड़ी पर ले जाना पड़ा। निहारिका ने कहा कि उनके ससुर तुलेश्वर दास एक तरह से बेहोशी की हालत में थे। इसके चलते शारीरिक और मानसिक तौर पर काफी मशक्कत करनी पड़ी।
In an amazing display of women-power today, Niharika Das, a young woman from Raha, carried her COVID positive father-in-law, Thuleshwar Das, on her back while taking him to the hospital. However, she too tested positive later.
— Aimee Baruah (@AimeeBaruah) June 4, 2021
I wish this inspiration of a woman a speedy recovery. pic.twitter.com/pQi6sNzG0I
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