नई दिल्ली. जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के मामले की जांच केंद्र सरकार ने अब एनआईए को सौंप दी है। होम मिनिस्ट्री ने इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने का फैसला लिया है। इस बीच नेशनल सिक्योरिटी गार्ड यानी एनएसजी का स्पेशल बम निरोधक दस्ता जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पहुंचा है और विस्फोटक की जांच कर रहा है। माना जा रहा है कि इस धमाके में RDX या TNT का इस्तेमाल किया गया है। सूत्रों का कहना है कि ड्रोन्स का नियंत्रण सीमा पार से किया जा रहा था। इसके अलावा लोकल हैंडलर की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
बीते रविवार को ही आधी रात को 1:37 बजे और फिर उसके 5 मिनट बाद ही 1:42 पर संदिग्ध ड्रोन के जरिए दो विस्फोटक डिवाइस गिराए गए थे। इस हमले में दो वायुसेना कर्मी घायल हो गए थे। इसके अलावा इमारत की छत भी ध्वस्त हो गई थी। हालांकि इसमें किसी और उपकरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था। आतंकी हमले का यह ट्रेंड देखने को मिला है, जिसे ड्रोन के जरिए अंजाम देने की कोशिश की गई थी। सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि वायुसेना स्टेशन पर बम गिराने के लिए किसी एरियल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया गया था। हालांकि यह साफतौर पर नहीं कहा जा सकता कि यह करतूत ड्रोन के जरिए अंजाम दी गई थी या फिर किसी और चीज का इस्तेमाल किया गया था।
A special bomb squad team of National Security Guard (NSG) is investigating the nature of the blast at Jammu Air Force Station. RDX or TNT likely used in the blast. Drones were controlled from across the border. Involvement of local handler also being investigated: Sources pic.twitter.com/9RxGsUnzIo
— ANI (@ANI) June 29, 2021
जम्मू में फिर मिलिट्री स्टेशन के पास कई जगहों पर दिखा ड्रोन
इस बीच मंगलवार को भी एकदम सुबह जम्मू कई जगहों पर मिलिट्री स्टेशन के पास ड्रोन देखे जाने की खबरें हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एक ड्रोन रात 2:30 बजे कुंजवानी, सुंजवां और कालूचक इलाके में देखा गया। हालांकि कुछ देर के बाद इस ड्रोन को ट्रेस नहीं किया जा सका।
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