नई दिल्ली. दिल्ली हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका का जवाब देने में विफल होने पर चुनाव आयोग को 13 जून को कानूनी नोटिस दिया गया है। चुनाव आयोग को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है, ऐसा न करने पर याचिकाकर्ता सी राजशेखरन इसके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू कर सकते हैं।
बता दें कि हाई कोर्ट में दायर इस याचिका में राजनीतिक दलों में निष्पक्ष और ट्रांसपेरेंट आंतरिक चुनाव की मांग की गई थी। मामला 11 नवंबर, 2020 का है, जब राजशेखरन ने राजनीतिक दलों में आंतरिक लोकतंत्र की स्थापना के लिए चुनाव आयोग से संपर्क किया था। लेकिन जब उन्हें कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की, जिसमें अदालत का ध्यान चुनाव आयोग के 1996 के नोटिस की ओर खींचा गया। नोटिस में राजनीतिक दलों को आंतरिक चुनावों के संबंध में अपने स्वयं के संविधान में निर्धारित नियमों का पालन करने के लिए कहा गया था।
12 जनवरी को, HC ने एक आदेश पारित किया था जिसमें उसने चुनाव आयोग से याचिका को एक प्रतिनिधित्व के रूप में मानने के लिए कहा। मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजे गए नोटिस में आयोग पर “पूरी तरह से अवहेलना” करने का आरोप लगाया गया। याचिका में चुनाव आयोग से गैर-अनुपालन के लिए एक राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द करने को कहा गया था।
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