मुंबई। एकात्म मानवतावाद के संस्थापक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चिंतक तथा संगठन कर्ता रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर भाजपा पदाधिकारियों ने उनकी तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर आदरांजली दी। महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष कृपाशंकर सिंह ने कहा कि पंडित जी एक मजबूत और सशक्त भारत चाहते थे। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। उन्होने हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में अनेक लेख लिखे हैं। मुंबई भाजपा प्रवक्ता उदय प्रताप सिंह ने कहा कि पंडित जी का मानना था कि जब तक कमजोर वर्ग का उत्थान नहीं होगा देश का विकास संभव नहीं है। उनकी विचारधारा से प्रभावित होकर पंडित श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि मुझे दो दीनदयाल उपाध्याय दे दीजिए मैं पूरी तरह से देश का चेहरा बदल दूंगा। एक बेहतरीन संगठन कर्ता होने के बावजूद पंडित दीनदयाल उपाध्याय को राजनीति की नकारात्मक उठापटक कभी रास नहीं आई। 1963 में जौनपुर के लोकसभा उपचुनाव में हारने के बाद उन्होंने अपनी डायरी में लिखा था जनसंघ की इस चुनाव में हार की वजह यह नहीं थी कि जनता का सपोर्ट नहीं था, बल्कि उनकी पार्टी कांग्रेस की चुनावी हथकंडा का जवाब नहीं दे सकी।
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