दुर्घटनाओं का आमंत्रण देती मीरा भायंदर की सड़कें


10 दिनों में पत्रकार समेत दर्जनों घायल

भायंदर। मीरा भायंदर की सड़कें राहगीरों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। गोल्डन नेस्ट से काशिमिरा तक गड्डो और सड़क में पहचान मुश्किल हो चुका है। सैकड़ो गड्ढे , सड़को पर बेरिकेड्स, मेट्रो का काम और संकरी सड़को ने राहगीरों की राह को मुश्किल कर दिया है। विगत 10 दिनों में इस सड़क पर दर्जनों दुर्घटनाये हो चुकी है जिसमे लोग गंभीर रूप से घायल हुए है। गौरतलब है कि इस खबर को लिखे जाते वक्त भी एक दुर्घटना हो गयी थी जिसमें एक युगल दंपति बुरी तरह से घायल हुये थे।रविन्द्र उपाध्याय भाईंदर पश्चिम के रहिवासी है। शनिवार रात 9 बजे के आसपास वे काशिमिरा से भाईंदर की तरफ आ रहे थे। उनकी गाड़ी की गति 30 किलोमीटर/घंटा के आसपास रही होगी। वे बताते है कि सिल्वर पार्क के पास एक बड़ा सा गड्ढा आया, जिसकी चपेट में वे आ गये और सड़क के बीचों-बीच गाड़ी सहित गिर पड़े. रविन्द्र के हाथ और पैर पर गंभीर चोटे आयी हैं। जय सिंह का मीरा-भाईंदर रोड पर मार्बल की दुकान है। वे बताते है कि विगत 10 दिनों में इस सड़क पर दर्जनों लोगों का एक्सीडेंट हुआ है। उनकी माने तो रात के समय मे ज्यादा दुर्घटनाये होती है। इस सड़क की हालत विगत 4 महीने में बद से बदतर हो गयी है और इसकी सुध लेने वाला कोई नही है।मनपा ने इस सड़क के रखरखाव को लेकर अपना पल्ला झाड़ लिया है। गौरतलब है कि आगामी 3 वर्ष के लिए इस सड़क के रखरखाव की जिम्मेदारी एमएमआरडीए की है। एमएमआरडीए ने इस बाबत 27 करोड़ का एक ठेका भी दिया है। विधायक गीता जैन और महापौर ज्योत्स्ना हसनाले के हस्तक्षेप के बाद भी सड़क के हालात सुधरे नही है। एमएमआरडीए से इस संदर्भ में संपर्क नही हो सका।

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