राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ पटल से हुआ वाणी पुत्रों की मनुहार,देवी गीतों की बौछार


मुंबई।साहित्यिक,सांस्कृतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक संस्था राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के तत्वाधान में बुधवार दिनांक 13 अक्टूबर 2021 को शारदीय नवरात्र के पावन पर्व पर मां सरस्वती के पुत्रों द्वारा देवी गीतों से सजी साहित्यिक पटल। जिसकी अध्यक्षता संस्था अध्यक्ष अनिल कुमार राही ने की तथा मुख्य अतिथि के रूप में नोएडा से कवियत्री सविता सिंह शमां एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में जौनपुर उत्तर प्रदेश से युवा गीतकार रविंद्र कुमार शर्मा दीप और रायबरेली उत्तर प्रदेश सुप्रसिद्ध गीतकार राजकरण सिंह उपस्थित थे। नवरात्रि विशेष कार्यक्रम का खूबसूरत संचालन संस्था के सचिव संजय द्विवेदी ने किया।उपस्थित गीतकारों द्वारा सराही गई कुछ लाइनें इस तरह से रही--- गीतकार राजकरण सिंह द्वारा प्रस्तुत गीत इस तरह से रहे----
1) मां का आंचल हमें आशियाना लगा इसलिए शर छुपाने चले आये हैं।।
आज अपनों में ही जब बेगाने हुए
तेरी ममता को पाने चले आये हैं।।
2) मनवा व्याकुल है ममता कै धार दइ द्या।
अरे ओ मइया थोड़ा सा प्यार दइ द्या।।
          
दूसरी कड़ी में जौनपुर उत्तर प्रदेश से सुप्रसिद्ध गीतकार रविंद्र कुमार शर्मा दीप की लाइनें भी कुछ कम नहीं रही----
1) एक बेरी आव माई हमारे तू गांव।
दुवरे मोरे बाटे एगो निमिंया के छांव।।
2) स्वर्ग की देवी,अवनि चली है।
करने सबको विभोर,जोड़ नहीं मइया के।
मन में भयो हिलोर,जोड़ नहीं मइया के।।
उक्त समारोह का आयोजन,संयोजन राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ” के संस्थापक रामस्वरूप प्रीतम(श्रावस्तवी),सह- संस्थापक व अध्यक्ष अनिल कुमार राही(मुंबई),संयोजक संजय द्विवेदी (कल्याण-महाराष्ट्र),सचिव धीरेन्द्र वर्मा धीर(लखीमपुर खीरी), संरक्षक दिवाकर चंद्र त्रिपाठी “रसिक”(छत्तीसगढ़) एवं मीडिया प्रभारी विनय शर्मा “दीप”(ठाणे- महाराष्ट्र),उपाध्यक्ष सत्यदेव विजय (मुंबई),कोषाध्यक्ष प्रमिला मेहरा किरण,उपसचिव प्रियंका गुप्ता भोर के सहयोग से संपन्न हुआ।अंत संस्था अध्यक्ष अनिल कुमार राही ने नवरात्रि विशेष भजन संध्या मैं उपस्थित गीत कारों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया तथा कार्यक्रम का समापन किया।

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