स्टील एसोसिएशन के शिष्टमंडल ने की उपायुक्त अजीत मुठे से मुलाकात


भायंदर। स्टील नगरी मीरा-भायंदर में मनपा प्रशासन द्वारा बफिंग कारखानों का कचरा न उठाने के निर्णय से इस उद्योग से जुड़े कारखानेदारों में रोष व्याप्त है। सोमवार को स्थानीय नगरसेवकोंं रोहिदास पाटिल तथा मदन सिंह के नेतृत्व में स्टील उद्योग के शिष्टमंडल ने सार्वजनिक आरोग्य एवं स्वच्छता विभाग के उपायुक्त अजीत मुठे से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपते हुए इस निर्णय को त्वरित प्रभाव से रद्द करने की मांग की। शिष्टमंडल में श्री भायंदर स्टेनलेस स्टील ट्रेडर्स एंड मैन्युफैक्चर्रस एसोसिएशन के चेयरमैन राजेंद्र मित्तल, अध्यक्ष हितेंद्र गडा, सुभाष शाह, शरद कदम, रामदास थोरात आदि का समावेश रहा। स्थानीय नगरसेवक मदन सिंह ने कहा कि भायंदर की पहचान एशिया में स्टील की सबसे बड़ी मंडी के तौर पर दशकों से है। जहां हर प्रकार के स्टील के बर्तनों का निर्माण किया जाता है। प्रेसिंग, कटिंग एवं बफिंग का भी काम यहां पर बड़े पैमाने पर किया जाता है। 
वर्षों से स्टील बफिंग कार्य के दौरान निकलनेेवाले कचरे को मनपा द्वारा ही उठाया जाता रहा है। जिसे मनपा प्रशासन द्वारा हाल ही में पर्यावरण का हवाला देते हुए कारखानेदारों से स्वयं यह कचरा हटाने के निर्देश दिए गए हैं। मदन सिंह ने कहा कि स्टील तथा बफिंग के कारखानेदार न सिर्फ व्यापारी हैं, बल्कि यहां के नागरिक भी हैं, जो मनपा के सभी प्रकार के टैक्स का भुगतान करते हैं। लिहाजा अन्य की भांति इन कारखानों का भी कचरा उठाना मनपा की जिम्मेदारी है। सिंह ने कहा कि इस मामले में हम सभी सहयोग करने को तैयार हैं, इसलिए कारखानेदारों को बेवजह परेशान न किया जाय। वैसे भी पिछले दो वर्षों से कोरोना के चलते व्यापारी आर्थिक रूप से बदहाल हैं, लिहाजा इन पर  अतिरिक्त बोझ लादना न्यायोचित नहीं है। स्टील एसोसिएशन के चेयरमैन राजेंद्र मित्तल ने बताया कि मनपा उपायुक्त अजीत मुठे ने सभी व्यापारी संगठनों से मनपा आयुक्त के नाम पत्र लिखने का सुझाव दिया है। उन्होंने इस मुद्दे पर मनपा आयुक्त दिलीप ढोले के नेतृत्व में व्यापारी संगठनों की बैठक आयोजित कराकर इस मुद्दे का सकारात्मक हल निकालने का भरोसा शिष्टमंडल को दिलाया है।

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