जौनपुर की शान अवधेश पाठक मधुर की एक अलग पहचान


जौनपुर। साहित्य के क्षेत्र में संगीत  विधा की एक अलग पहचान है,इसे ऑडियो वीडियो चलचित्र के माध्यम से दर्शाया जा रहा है। इसी कड़ी में पूर्वांचल की शान,पूर्व अमर गीतकार राकेश पाठक " मधुर " की प्रेरणा से उनके अनुज सुप्रसिद्ध, यशस्वी,माटी के लाल, गीतकार अवधेश पाठक "मधुर" जौनपुर जिले के आसपास के जिलों में अर्थात पूरे पूर्वांचल में एक अलग पहचान बनाए हुए हैं जो हिंदी भाषी गीत कारों के लिए एक मिसाल के रूप में जाने पहचाने जा रहे हैं। देवी के भक्त, गीतकार राकेश पाठक मधुर के पद चिन्हों पर चलने वाले अवधेश पाठक मधुर की मधुरम,सुरीली कंठो से विगत कई वर्षों से देवी गीतों की मिसाल क़ायम हो रही है। अवधेश पाठक मूलतः जौनपुर शहर से मिर्जापुर रोड निकट सिटी स्टेशन गांव फूलपुर के निवासी स्वर्गीय लोकनाथ पाठक के पुत्र हैं। एक सुशिक्षित,संस्कारी,सभ्य परिवार से अवधेश पाठक जाने पहचाने जाते हैं और उत्तर प्रदेश के जितने भी हिंदी,अवधी,भोजपुरी के सुप्रसिद्ध चर्चित गीतकार हैं वह सभी उन्हें सम्मान देते हैं। अवधेश पाठक मधुर को पाकर उनके गांव के लोग फूले नहीं समाते,अपने आपको सभी गौरवान्वित महसूस करते हैं। यहां तक की गांव के सभी बच्चे उनके गीतों को सुबह शाम गुनगुनाया करते हैं और एक होड़ सी लगी हुई दिखाई देती है कि भविष्य में हम भी एक गीतकार बनेंगे और अपने माता पिता परिवार का नाम रोशन करेंगे। उनकी प्रशंसा सुनकर मुंबई के सुप्रसिद्ध कवि पत्रकार विनय शर्मा दीप ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी की माता रानी का आशीर्वाद उन पर सदैव बनी रहे।

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