जौनपुर । पूर्वांचल की सबसे बौद्धिक विधानसभा कही जाने वाली बदलापुर विधानसभा में यूपी में फिर योगी सरकार बनाने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने निवर्तमान विधायक रमेश मिश्रा को एक बार फिर अपना प्रत्याशी बनाया है। रमेश मिश्रा पिछले चुनाव में मोदी लहर के बीच पैराशूट प्रत्याशी के रूप में बदलापुर विधानसभा से उतारे गए थे। त्रिकोणीय मुकाबला के बावजूद रमेश मिश्रा करीब ढाई हजार मतों से ही जीत पाए। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक ओम प्रकाश दुबे ऊर्फ बाबा दुबे को तीसरे स्थान पर जाना पड़ा। दूसरे स्थान पर रहे लालजी यादव को बहुजन समाज पार्टी के एक बार फिर अपना प्रत्याशी घोषित किया है। बदलापुर विधानसभा से भाजपा का टिकट पाने की कतार में खड़े स्थानीय चेहरों को निराशा हाथ लगी है । भाजपा का टिकट पाने की कतार में खड़े स्थानीय , डॉ अभयजीत मिश्र, विवेक सिंह राजा तथा अखिल मिश्रा को एक बार फिर भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाने से नकार दिया। भाजपा समर्थकों के अनुसार यदि भारतीय जनता पार्टी को योगी और मोदी के चेहरे पर ही वोट मिलना है तो स्थानीय प्रत्याशियों को तवज्जो क्यों नहीं दी गई? बदलापुर विधानसभा के स्थानीय प्रत्याशियों को टिकट न देकर भाजपा ने साबित कर दिया कि वह यहां के स्थानीय चेहरों पर विश्वास नहीं करती। ऐसे में सवाल उठता है कि बदलापुर विधानसभा के स्थानीय चेहरों को टिकट कब मिलेगा? क्या उन्हें सिर्फ पोस्टर ब्वॉय के रूप में उपयोग किया जाएगा अथवा जिंदाबाद और मुर्दाबाद के नारे तक ही सीमित रखा जाएगा। भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि स्वतंत्रता मिलने के बाद यह क्षेत्र जनसंघ का गढ़ था। कुंवर श्रीपाल सिंह यहां से लगातार विधायक चुने जाते रहे। बहुजन समाज पार्टी पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाने वाली भाजपा के पास स्थानीय तथा मोस्ट क्वालिफाइड प्रत्याशियों को टिकट नहीं देने की बात कई प्रकार के संदेह पैदा कर रही है।
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