हप्ता उगाही के लिए उकसाता है तहसील के अन्य कर्मचारियो को
वसई(सवांददाताल) पालघर जिले की वसई तहसील में नायब तहसीलदार (महसूल) के पद पर कार्यरत प्रदीप कुमार दामोदर मुकणे ने जाली दस्तावेजों (प्रमाण पत्रों) को प्रस्तुत कर महसूल विभाग की नौकरी ली है, जिसके कारण कई योग्य अभ्यर्थियों को योग्यता के उपरांत भी नौकरी नहीं प्राप्त हो पायी है। स्कूल से, प्राप्त प्रमाण पत्र में जालसाजी करके उन्होंने अपने को एस एस सी पास दर्शाया है, जो उनके 'सेवा विवरण में महसूल विभाग द्वारा दर्ज किया गया है। जब कि स्कूल से प्राप्त उनके शैक्षणिक प्रमाण पत्र में उन्हें 'अनुत्तीर्ण दर्शाया गया है। ऐसी जानकारियां हमारे संवाददाता को आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के माध्यम से मिली है।
प्राप्त जानकारियों के मुताबिक दिनांक 24-06-1988 को जारी किये गये 'लीविंग सर्टिफिकेट में प्रदीप कुमार दामोदर मुकणे मार्च 1988 की परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे है। उनका रोल नं०-4638 रहा है। किंतु महसूल विभाग में उन्होंने वसई तहसील की सेवा पुस्तिका में उसी रोल नं०-4638 में अंग्रेजी भाषा में अपनी शैक्षणिक योग्यता 'एस. एस. सी. पास्ड लिखी है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदीप मुकणे ने जालसाजी पूर्वक स्कूल सर्टिफिकेट में बदलाव करके गैर कानूनी रूप से अपने को एस एस सी पास्ड कर नियोक्ता अधिकारीयों के साथ धोखाधड़ी की है।
जानकारी है कि प्रदीप मुकणे कई वर्षों से तहसील के पुरवठा निरीक्षक के पद पर कार्यरत रहे हैं। उन्होंने अपने कुछ खास मित्रो व रिशतेदारों सहित पत्रकारों तक को शासन की कई दुकानों का ठेका दिलवाया है। वर्तमान में 4-5 सरकार मान्य राशन की दुकानें वह अपने मित्रो व परिजनों तथा पत्रकारों को आवंटित करके 'राशनिंग की दुकानों द्वारा लाखों की काली कमाई कर चुके हैं। यों तो प्रदीप मुकणे राशन की दुकानों कटौती कराके ही लोगों की लूट-खसोट कराये हुए हैं। राशनिंग निरीक्षक से नायब तहसीलदार का पद प्राप्त करने के उपरांत वह तहसील कर्मियों को बड़े पैमाने पर आर्थिक लाभ पहुंचा चुके हैं। प्रदीप मुकणे की हप्ता उगाही का आलम है ! कि वह नये-नये युवाओं की रिश्वत खोरी करने का प्रशिक्षण दे चुके हैं। आरटीआई कार्यकर्ता ने प्रदीप मुकणे की शैक्षणिक योग्यता की गहराई से जांच कर, उसके विरुद्ध कारवाई किये जाने की तहसील के उच्चाधिकारियों से अपील की है।
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