नालासोपारा। वैद्यकीय क्षेत्र में चिकित्सा उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाने वाली कोई भी दवा रोगी के शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है, तो निर्देश कैसे और कहाँ दिए जाने चाहिए, दवा के बारे में दर्शाये जानेवाले गलत विज्ञापनो पर किस तरह से प्रतिबंध लगाने चाहिए इसका कानुनी ज्ञान वैद्यकीय क्षेत्र में कार्यरत सभी को होना बहुत ही महत्वपूर्ण है l "फार्माकोविजिलेंस" का उद्देश्य दवाओं पर जानकारी एकत्र करना, उनका विश्लेषण और निगरानी करना, निवारक कारवाई करना और सुरक्षित दवा उपायों के माध्यम से सामाजिक स्वास्थ्य की रक्षा करना यही है। फार्माकोविजिलेंस के महत्व को समझना और इसके बारे में जागरूकता निर्माण करना यह समय की आवश्यकता है और साथ ही आयुर्वेद के छात्रों के दूसरे वर्ष के पाठ्यक्रम का एक हिस्सा है। इसिलिये महाविद्यालय के रसशास्त्र भैषज्यकल्पना विभाग की ओर से 25 जून 2022 को महविद्यालय में विशेष परिसंवाद का आयोजन किया गया l डॉ. लक्ष्मण भुर्के, अनुसंधान अधिकारी, सीसीआरएस वरली, मुंबई, डॉ. अदिति कुलकर्णी, और डॉ. गायत्री गावकर प्रोफेसर, पोद्दार आयुर्वेद कॉलेज ने उपरोक्त विषय पर छात्रों को आवश्यक ज्ञान प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. ओमप्रकाश दुबे, संस्था की ट्रस्टी डॉ. ऋजुता दुबे और प्राचार्या डॉ. हेमलता शेंडे इनके मार्गदर्शन में किया गयाl कार्यक्रम का संयोजन महाविद्यालय के सभी अध्यापक एवं रसशास्त्र भैषज्यकल्पना विभागप्रमुख डॉ. सरिता पासी, व्याख्याता डॉ. शिवानी मिश्रा द्वारा किया गया।
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