प्रभाग समिति 'जी' व वि श मनपा के वालीव विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में अंधाधुंध अवैध निर्माण


स. आ. धनश्री शिंदे, अतिक्रमण प्रमुख विजय नणगे व इं. कल्पेश कड़व के कार्यों व काली कमाई की जाँच की मांग
अतिक्रमण प्रमुख विजय नणगे की कब होगी हकालपट्टी जनता का ज्वलंत सवाल?
नालासोपारा (संवाददाता)। वसई विरार शहर महानगर पालिका एक लम्बे अर्से से भ्रष्ट संस्थानों की सूची में नंबर एक पर विराजमान है। क्योंकि पालिका प्रशासन में विकास कम और भ्रष्टाचार ज्यादा हुए हैं। या यूँ कहना ज्यादा उपयुक्त होगा कि विकास कार्यों  के नाम पर व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है। पालिका प्रशासन की दाल में कुछ काला नहीं, बल्कि पूरी की पूरी दाल काली है। इस कालीदाल की एक बानगी प्रभाग समिति' जी' के अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा में सहजता से देखी जा सकती है।
स्थानीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों के अनुसार वविश मनपा की प्रभाग समिति जी' के कार्य क्षेत्र में अवैध धंधों व अवैध निर्माणों की बाढ़ सी आई हुई है। विशेषकर वालीव, चिंचोटी, तुंगार फाटा सातितली के क्षेत्रों - में आदिवासियों व गरीब किसानों की जमीन, मनपा व महसूल विभाग के भूखण्डों तथा वन भूमि को भ्रष्टाचार पूर्वक हथिया कर भू माफियाओं द्वारा बड़े बड़े इंडस्ट्रियल गाले, दुकानें, कारखाने, होटलों एवं निवासी रूमों का अवैध निर्माण किया जा रहा है। इन अवैध निर्माणों को मनपा के अधिकारियों का भरपूर समर्थन मिल रहा है जिसके कारण अवैध निर्माणों के विरुद्ध स्थानीय जनों द्वारा की जाने वाली शिकायतों पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
सूत्रों का कहना है कि उक्त अवैध निर्माणों को प्रभाग समिति जी '(वालीव विभाग) व वि श मनपा की सहायक आयुक्त-धनश्री शिंदे, अतिक्रमण प्रमुख विजय नणगे व  इंजिनियर - कल्पेश कड़व का मौन संरक्षण बताया जाता है। अतिक्रमण प्रमुख विजय व इंजीनियर कल्पेश कड़व भूमाफिया के अवैध निर्माणों की साइट पर जाकर अंधाधुंध वसूली मिलकर कर रहे हैं। यही कारण है कि स्थानीय जनों की शिकायतों को अनसुना कर के पालिका प्रशासन का माधव बना सारी लूट-खसोर देख रहा है।

सत्रों का तो यहां तक कहना है कि कुछ समय पहले इंजिनियर- कौस्तुभ तामोरे को वहां से हटा दिया गया था क्यों कि वह पालिका अधिकारियों की अपेक्षा के अनुरूप वसूली नहीं कर पा रहे थे। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उक्त अधिकारियों के  कार्यों की जांच यदि राज्य सरकार का नगर विकास विभाग कराता है, तो निश्चित ही एक बड़ा भूखण्डों पर अतिक्रमण व अवैध निर्माणों का खुलकर सामने आने वाला है। विशेष कर प्रभाग समिति जी (वालीव विभाग) की प्रभारी सहायक आयुक्त अतिक्रमण प्रमुख व इंजीनियर की काली कमाई की जांच किये जाने की स्थानीय जनों ने राज्य सरकार से मांग की है।

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