वर्ष 2050 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी : गौतम अदाणी

 

- 21 वें वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स में सीए मित्रा एवं तलाटी ने किया अदाणी का स्वागत
मुंबई। भारत को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में 58 साल लगे थे। पर अब हर 12 से 18 महीने में जीडीपी में इतने की बराबर का योगदान बढ़ेगा। भारत 2050 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। यह बातें शनिवार को एशिया के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अदाणी ने कहीं। अडानी मुंबई में आयोजित 21 वें वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक आए वैश्विक संकटों ने दुनिया में कई धारणाओं को चुनौती दी है। इनमें चीन को पश्चिमी लोकतांत्रिक मूल्यों को अपनाना चाहिए, धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत सार्वभौमिक हैं, यूरोपीय संघ एक साथ रहेगा और रूस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूमिका सीमित करने के लिए दबाब बनाया जाएगा जैसी धारणाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस बहुस्तरीय संकट ने महाशक्तियों की एकध्रुवीय या द्विध्रुववीय दुनिया के मिथक को भी तोड़ दिया है। दुनिया के महाशक्तियों के लिए अब किसी मामले में दखल देना और उसका अपने हिसाब से समाधान निकाल लेना जैसी बातें अब कठिन हो गईं हैं। वर्ल्ड कांग्रेस ऑफ अकाउंटेंट्स कार्यक्रम को आईसीएआई के अध्यक्ष, सीए डॉ. देबाशीष मित्रा एवं उपाध्यक्ष सीए अनिकेत तलाटी व अन्य पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया।

अदाणी ने कहा, 'इस उभरती हुई बहुध्रुवीय दुनिया में महाशक्तियों को ऐसा होने की आवश्यकता जो एक संकट के समय में कदम बढ़ाकर दूसरों की मदद करने की जिम्मेदारी लें। ऐसे समय में वे राष्ट्र महाशक्ति होंगे जो अन्य राष्ट्रों को अधीनता के लिए ना धमकाएं और मानवता का अपने सबसे प्रमुख संचालन सिद्धांत के रूप में पालन करें।' अदाणी ने कहा कि एक महाशक्ति को एक फलता-फूलता लोकतंत्र तो होना ही चाहिए, साथ ही उसे यह भी मानना चाहिए कि लोकतंत्र की कोई एक समान शैली नहीं है। उन्होंने कहा कि पूंजीवाद का वह रूप जो विकास के लिए विकास को आगे बढ़ाता है और समाज के तानेबाने की अनदेखी करता है, अब तक के सबसे बड़े प्रतिरोध का सामना कर रहा है। 60 वर्षीय अदाणी ने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था की नींव प्रासंगिक हो सकती है और देश में बहुमत वाली सरकार ने राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में कई संरचनात्मक सुधार करने की क्षमता विकसित की है। उन्होंने कहा कि देश की जीडीपी में पहला ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य हासिल करने में हमें 58 वर्ष लग गए पर आने वाले 12 वर्षों में ही हम इसमें दूसरा ट्रिलियन जोड़ देंगे। अदाणी ने कहा कि उसके अगले पांच वर्षों में ही हम अपनी जीडीपी में तीसरा ट्रिलियन डॉलर भी जोड़ पाने में सक्षम होंगे।  
    
अदाणी ने कहा कि जिस गति से सरकार सामाजिक और आर्थिक सुधारों का क्रियान्वयन कर रही है, मुझे उम्मीद है कि अगले एक दशक के भीतर भारत हर 12 से 18 महीने में भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान जोड़ने में सक्षम होगा। इससे हमारी अर्थव्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। ऐसे में, हम वर्ष 2050 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने में सक्षम होंगे। अदाणी ने कहा कि 2050 में भारत की औसत आयु केवल 38 वर्ष होगी। जबकि 1.6 बिलियन की आबादी की प्रति व्यक्ति सालाना औसत आय 16,000 अमरीकी डाॅलर हो सकती है, जो कि वर्तमान की प्रति व्यक्ति आय से करीब 700 प्रतिशत अधिक होगी। भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास के कारण एफडीआई का आंकड़ा भी एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, '2021 में, भारत में हर 9 दिनों में एक यूनिकॉर्न कंपनी का इजाफा हुआ। इस वर्ष भारत में वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक 48 बिलियन रियल टाइम लेन-देन हुए यह अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी कुल लेन-देन के आंकड़े से 6 गुना अधिक था।' अदाणी ने कहा इस वर्ष वेंचर कैपिटल फंडिंग 50 बिलियन अमरीकी डालर से अधिक हो जाएगी और आठ वर्षों में इसमें 50 गुना की तेजी आएगी।

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