नालासोपारा, वसई, विरार के डॉक्टरों के कला कौशल की दर्शकों ने की सराहना

 

पालघर। नालासोपारा-वसई-विरार क्षेत्र के डॉक्टरों के लिए डॉक्टरों की कला को बढ़ावा देने वाली संस्था "कलास्पर्श" और नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के सहयोग से रंगोली, पेंटिंग और संगीत वाद्य यंत्र बजाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया ।  संस्था की  ट्रस्टी डॉ. ऋजुता ओमप्रकाश दुबे ने कार्यक्रम की शुरुआत की। संस्था के सचिव डॉ. ओमप्रकाश दुबे ने अपने भाषण में "कलास्पर्श" से अपनी कला प्रस्तुत करने के लिए उपस्थित सभी डॉक्टरों, दर्शकों और सभी कलास्पर्श सदस्यों की सराहना की और कार्यक्रम को शुभकामनाएं दीं। 
  रंगोली की कला में
   1. डॉ.  ज्योति मिश्रा
   2. डॉ.  राहुल सोनकांबळे और डॉ.  मानसी ब्रिद 
   3. डॉ.  रोहिणी पाटील 
   4. डॉ.  ज्योति राठी और डॉ.  स्वाति भिंगारे
   5. सायली सावजी और डॉ.  तेजश्री दळवी 
  इन्होने भाग लिया l
  पेंटिंग में
  1. डॉ.  शुभांगी केरकर
   2. डॉ.  हेमा गुरुसाहनी
   3. डॉ.  जयश्री मोरे
   4. डॉ.  सेलीन फिगर 
   5. डॉ.  अस्मिता वाघुस्कर
   6. डॉ.  किशोरी गायकवाड़
   7. डॉ. उदय म्हस्के
   8. डॉ.  तेजश्री दळवी
   9. डॉ.राहुल सोनकांबळे 
   10. डॉ.  प्रेरणा मांजलकर.
   इन्होने भाग लिया
   वाद्य यंत्र बजाने में
  1. डॉ. विदया सावंत    हारमोनियम।
   2. डॉ.  सुरेखा धनावडे - कांगो और तबला
   3. डॉ.  श्रीकांत पाटिल - बांसुरी
   4. डॉ.  अंजलि कांबले - की बोर्ड वादन में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ.  ऋजुता दुवे ने हास्य संगीत की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम के दौरान डॉ. रोहिणी पाटिल, डॉ.  हेमा गुरुसाहनी, डॉ. सूरज गायकवाड़, डॉ. सुरेश पाटील, डॉ.  रेणुका पाटील ने अपने विचार व्यक्त किए।
  कार्यक्रम का संचालन डॉ. स्वाति भिंगारे ने किया।  डॉ. प्रेरणा मांजलकर ने सभी का आभार व्यक्त किया।
  डॉ. सुरेखा धनावड़े, प्रेरणा मांजलकर, डॉ. सरिता पासी, डॉ. अस्मिता बनसोड, डॉ.  ज्योति राठी  इनके सहयोग से एवं महाविद्यालय के निदेशक डॉ. ओमप्रकाश दुबे संस्था की विश्वस्त डॉ.ऋजुता दुबे, प्राचार्या डॉ. हेमलता शेंडे इनके मार्गदर्शन  में संपन्न हुआ।कलास्पर्श द्वारा आयोजित यह पांचवां कार्यक्रम है, पहला कार्यक्रम कवि सम्मेलन , दूसरा कार्यक्रम गायन , तीसरा मोनो एक्ट और चौथा मानसून कविताओं पर आधारित "घन नीला" शीर्षक के तहत प्रस्तुत किया गया था।
   दर्शकों की बढ़ती संख्या के साथ कार्यक्रम बहुत ही उत्साही 
   वातावरण में समाप्त हो गया।

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