मुंबई। गंधर्व फाउंडेशन' एंव 'बीएसएस' के संयुक्त तत्वावधान में प्रबोधनकार ठाकरे नाट्यगृह, बोरिवली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में हिंदी के प्रसिद्ध लोकधर्मी आलोचक प्रो. चौथीराम यादव को वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण गायकवाड के हाथों प्रतिष्ठित " राष्ट्रीय कबीर सम्मान" प्रदान किया गया
कार्यक्रम के पहले चरण में गंधर्व फाउंडेशन के ट्रस्टी एवं प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक डॉ. परमानंद यादव ने संत कबीर एवं संत रविदास के पद गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया
सम्मानमूर्ति प्रो. चौथीराम यादव ने अपने लंबे ओजस्वी भाषण में संत परंपरा पर बोलते हुए रात 12 बजे तक दर्शकों को बाँधे रखा I प्रो.यादव ने संतों के साहित्य को बुद्ध की परंपरा का सच्चा, यथार्थवादी ,आंखों की देखी वैज्ञानिक एवं विद्रोही साहित्य बताया I उन्होंने कहा, हमें आज भी सामाजिक आजादी नहीं मिली है I आज भी कोने में रखा मिट्टी का मटका आजाद नहीं हुआ है I उसे छूने की आजादी आज भी नहीं है I उन्होंने बुद्ध, कबीर, संत रविदास महात्मा जोतिबा फुले, पेरियार, बाबा साहेब डॉ आंबेडकर, ललई सिंह यादव के संघर्षों को आगे बढ़ाने के लिए बीएसएस का धन्यवाद किया I इस अवसर पर साहित्य अकादमी पुरस्कृत साहित्यकार गुलाबचंद यादव , डॉ. रमेश यादव, डॉ.अमर बहादुर पटेल, साहित्यकार रामअवतार यादव, समाजसेवी शिक्षाविद् चंद्रवीर बंशीधर यादव, कवि लालमनी यादव, डॉ .अमर बहादुर यादव , कवि प्रेम जौनपुरी , बी एसएस के चीफ-वक्ता बैरवा ,कॅप्टन नज़ीर उपाध्ये एवं अनेक साहित्यकार, कवि ,कलाकार उपस्थित रहे । समाजसेवी रामभरोसे मौर्य, सम्राट अशोक की जयंती के उपलक्ष्य में सभी को भगवान बुद्ध का कॅलेंडर देकर सम्मानित किया I कार्यक्रम का समापन समाज सुधारक देवेन्द्र यादव ने संविधान की प्रस्तावना से किया।
संचालन रेडियों कलाकार आनंद सिंह ने किया I
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