देहरादून। साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक एवं शैक्षणिक पंजीकृत साहित्यिक संस्था हृदयांगन के तत्वाधान में मंगलवार दिनांक 18 अप्रैल 2023 को औरैया (उत्तर प्रदेश) से पधारे ओज एवं शृंगार के प्रसिद्ध कवि आदरणीय अमरनाथ दीक्षित 'अमर' के देहरादून आगमन पर....हृदयांगन संस्था की सदस्य कवयित्री श्रीमति सन्तोषी दीक्षित के जी०एम०एस० रोड, देहरादून स्थित आवास पर आ०दीक्षित को सम्मानित करने के लिए सम्मान समारोह एवं साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष विधु भूषण त्रिवेदी विधुजी के मार्गदर्शन एवं कवियत्री संतोषी दीक्षित के आयोजन में किया गया।संस्था के राष्ट्रीय मीडिया सचिव विनय शर्मा दीप ने बताया कि सम्मान समारोह एवं साहित्यिक संगोष्ठी में अमरनाथ दीक्षित 'अमर' मुख्य अतिथि के रूप में एवं देहरादून के वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानेन्द्र कुमार, जगदीश बावला, कवि सतेन्द्र शर्मा 'तरंग', कवयित्री कविता बिष्ट,झरना माथुर,आ० सन्तोषी दीक्षित उपस्थित रहे।उक्त सम्मान समारोह एवं साहित्यिक संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार, प्रसिद्ध चित्रकार एवं संगीतकार परम आदरणीय ज्ञानेन्द्र कुमार ने की।इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पर्यावरणविद परम आदरणीय जगदीश बावला की महनीय उपस्थिति ने कार्यक्रम को उत्कृष्टता प्रदान की।कवि श्री सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' ने संगोष्ठी का उत्तम संचालन किया।
कवयित्री कविता बिष्ट ने अपने मधुर कंठ से माँ शारदे की वन्दना की।कवयित्री सन्तोषी दीक्षित ने अमरनाथ दीक्षित का परिचय देते हुए उनकी साहित्यिक साधना के विषय में विस्तार से बताया।संगोष्ठी में देहरादून की प्रसिद्ध कवयित्री झरना माथुर ने अपनी ग़ज़लों से समां बाँध दिया।कवयित्री कविता बिष्ट ने विभिन्न छन्दों में अपनी रचनायें प्रस्तुत कर सभी की सराहना बटोरी।कवयित्री सन्तोषी दीक्षित ने अपने गीतों के माध्यम से मन्त्र मुग्ध कर दिया।कवि सतेन्द्र शर्मा 'तरंग' की कविता "माँ से महान मातृत्व माँ का" ने सभी के हृदय को स्पर्श किया।पर्यावरणविद जगदीश बावला ने स्वयं की साहित्यिक यात्रा एवं पर्यावरणीय कार्यों से जुड़ाव के अपने संस्मरण साझा किए।जिनके सम्मान हेतु यह संगोष्ठी आयोजित की गई थी...स्वनाम धन्य परम आदरणीय अमरनाथ दीक्षित 'अमर' ने ओज एवं शृंगार रस से ओत-प्रोत अपनी रचनाओं से गोष्ठी को उर्जा प्रदान की।इस आयोजन की अध्यक्षता कर रहे आदरणीय ज्ञानेन्द्र कुमार ने ऐसे कार्यक्रमों को बहुत प्रेरणादायक एवं सराहनीय बताया।इसके साथ ही ज्ञानेन्द्र कुमार ने अपने गीत और भजनों की प्रस्तुति से साथ-साथ अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी कवियों, कवयित्रियों की सराहना करते हुए आशीर्वाद दिया। साथ ही अत्युत्तम आयोजन के लिए श्रीमती सन्तोषी दीक्षित की प्रशंसा की।संगोष्ठी में श्री विनीत दीक्षित, सुश्री महिमा दीक्षित एवं श्रीमती पायल अवस्थी ने श्रोता के रूप में अपनी उपस्थिति से कवियों का उत्साहवर्धन किया।
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