भगवान की कृपा से ही जीव को भक्ति व ज्ञान की प्राप्ति होती है- डाॅ रामानन्द महाराज


भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के दिव्य झांकी निकाली गई।

भदोही। गोपीगंज क्षेत्र के बड़ागांव में राम लोलारख तिवारी के आवास पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञानयज्ञ संगीतमय प्रवचन में वृंदावन से पधारे कथा व्यास डाॅ रामानन्द महराज ने बताया कि ज्ञानमार्ग से सरल भक्ति मार्ग है। वैसे भगवान की कृपा से ही भक्ति अथवा ज्ञान की प्राप्ति होती है। भक्त प्रह्लाद की भक्ति की बड़ी रोचक कथा कही। कहा कि भगवान के भक्त जिस पिता को पुत्र मिल जाये उसकी सात पीढियां तर जाती है। महाराज ने कहा कि भगवान समदर्शी है भगवान कभी भी किसी के साथ पक्षपात नही करते है। महर्षि कश्यप की तेरह पत्नियों से तेरह प्रकार की जीवों की रचना हुई। महाराज ने राजा बलि की कथा में बताया कि बलि ने ईश्वर को दिया जबकि लोग ईश्वर से कुछ न कुछ मांगते है। राजा बलि ने भगवान से मांग किया कि सब कुछ ले लेना लेकिन मेरा अहम भी न बचने पाये। महाराज ने कहा कि दशरथ साक्षात वेद है। तीनों रानियां  क्रमशः कौशल्या  ज्ञान कांड,  कैकयी कर्म कांड और सुमित्रा उपासना कांड है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के रूप में चारों पुत्र है। भगवान राम रघुवंश के पताका  है, लक्ष्मण पताका का दंड है।  राम वन गये तभी रामकथा बनी। भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भव्य झांकी निकाली गई।प्रवचन के दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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