जनता दल सेक्युलर के कार्यालय को प्रहार जनशक्ती पार्टी को देने पर आंदोलन की चेतावनी

मुंबई। राज्य में कई आंदोलनों का केंद्र रहा और वरिष्ठ समाजवादी नेता मृणाल गोरे, मधु दंडवते, निहाल अहमद, एसएम जोशी जैसे अनेक दिग्गज नेताओं का कार्य स्थल रहे जनता दल सेक्युलर कार्यालय को राज्य सरकार ने बच्चू कड़े की प्रहार जनशक्ति को देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने मंत्रालय के परिसर में राज्य में राजनीतिक दलों को कार्यालय प्रदान किए हैं। इसी प्रकार 1962 में 10 सीडीओ बैरक, जीवन बीमा मार्ग, योगक्षेम की सीट तत्कालीन जनता दल और समाजवादी विचारधारा की पार्टी को प्रदान की गई थी। यह सीट 1962 से ही पार्टी के कब्जे में है. पार्टी के पास 1977 और 1979 के सबूत मौजूद हैं. राज्य के साथ-साथ मुंबई में भी पार्टी का काम यहीं से संचालित होता है।इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी के जरिये प्रधानमंत्री बने मोरारजी देसाई, चन्द्रशेखर, विश्वनाथ प्रताप सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल जैसे नेता भी इस कार्यालय का दौरा कर चुके हैं। यह कार्यालय महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास की कई घटनाओं का केंद्र रहा है। सत्तर के दशक में मृणाल गोरे के नेतृत्व में महंगाई विरोधी आंदोलन का बिगुल भी यहीं से फूंका गया था। ऐसी पृष्ठभूमि के साथ और जब यह कार्यालय साठ वर्षों से अधिक समय से पार्टी के कब्जे में है, राज्य सरकार ने इस कार्यालय में सात सौ फीट जगह केवल विधायक बच्चू कडू की प्रहार जन शक्ति पार्टी के लिए आरक्षित करने का आदेश जारी किया है। पार्टी को बिना कोई निर्देश या नोटिस दिए जनता दल से दो सौ फुट दूर। इस कार्यालय की मांग करते समय विधायक बच्चू कडू ने भ्रामक और झूठा दावा किया कि यह बंद हो गया है, उपयोग में नहीं है. उसी आधार पर राज्य सरकार ने बिना किसी जांच और पार्टी की बात सुने बिना प्रहार जनशक्ति पार्टी को यह कार्यालय देने की पेशकश की है. बच्चू कडू इस आंदोलन के नेता हैं. वह कई बार जनता दल कार्यालय का दौरा कर चुके हैं. इसके बावजूद उन्हें जनता के मुद्दे पर लड़ने वाले जनता दल के कार्यालय पर दावा करना चाहिए, यह मामला न केवल जनता दल के नेताओं बल्कि वामपंथ के सभी कार्यकर्ताओं की नजर में चौंकाने वाला हो गया है. आंदोलन। हाल ही में मेट्रो रेलवे के काम के कारण मंत्रालय क्षेत्र में कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, किसान श्रमिक पार्टी, वंचित अघाड़ी आदि के कार्यालय तोड़ दिए गए। इन सभी दलों को राज्य सरकार की ओर से बैलार्ड पियर स्थित भवन में जगह उपलब्ध करायी गयी है. इस भवन में अभी भी जगह उपलब्ध है. इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेता और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्रीपतराव शिंदे ने मांग की है कि राज्य सरकार प्रहार जन शक्ति पार्टी को उसी भवन में पार्टी कार्यालय के लिए जगह उपलब्ध कराये और सरकार इस फैसले को रद्द करे. जनता दल कार्यालय का एक बड़ा हिस्सा प्रहार जन शक्ति पार्टी को देने के लिए, जो गलत जानकारी के आधार पर लिया गया था. प्रो. शरद पाटिल, कार्यवाहक अध्यक्ष नाथा भाऊ शेवाले ने किया है. जानकारी मिलने के बाद कि जनता दल कार्यालय और प्रहार जनशक्ति पार्टी को देने का आंदोलन चल रहा है, पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेगौड़ा को इस मामले की जानकारी दी. उन्होंने खुद राज्य के माननीय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक पत्र दिया था. लेकिन उस पत्र पर सरकार द्वारा विचार नहीं किया गया। इस पृष्ठभूमि में राज्य सरकार का यह फैसला आंदोलन की विरासत को मिटाने की कोशिश है, इसकी आलोचना राजभरा में समाजवादी आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है. यह पार्टी कार्यालय आज भी गरीबों, मजदूरों और किसानों के आंदोलन का केंद्र है. आम जनता के हित की अनेक लड़ाइयां यहीं से लड़ी जाती हैं! आज भी यह कार्यालय सामाजिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर लड़ने वाले पार्टी संगठनों का आधार है. इसलिए समाज के सभी क्षेत्रों से मांग की जा रही है कि राज्य सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे। इस संबंध में महाराष्ट्र की प्रगतिशील पार्टियों के गठबंधन के नेता भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस फैसले को रद्द करने की मांग करने वाले हैं. इसके बाद भी राज्य सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही तो पार्टी के वरिष्ठ नेता श्रीपतराव शिंदे, प्रो. शरद पाटिल, पूर्व विधायक गंगाधर पटने और अन्य वरिष्ठ सदस्य मंत्रालय के सामने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे, पार्टी प्रभारी अध्यक्ष नाथाभाऊ शेवाले ने चेतावनी दी है।

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