अच्छे डॉक्टर और इंजीनियर बनने बहुत सारे उम्मीद और सपने लिए जिस मंज़िल को पाने निकलते हैं नौनिहाल उस रास्ते मे आने वाली जगह है कोटा, हर साल लाखों की संख्या मे लोग यहाँ अपने उज्जवल भविष्य गढ़ने और माता-पिता का नाम रौशन करने आते है I पर अफ़सोस अभी पिछले कुछ सालों से कई घरों के चराग यहाँ आकर बूझे है, कामयाबी की उछाल की खबर कम और ख़ुदकुशी की छलाँग की खबरें ज्यादा आने लगी है I
माता-पिता भी बच्चों की सफ़लता और अच्छे करियर को अपने प्रतिष्ठा के रूप मे देखने लगे हैं,उनको लगता है कि डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन पाए तो जिंदगी में और कोई दूसरा कार्य ही नहीं कर पाएगा या उतने सम्मान जनक पोस्ट कोई और होता ही नहीं , I एक बच्चे ने इंटरव्यू में बताया कि माता-पिता के साथ-साथ अन्य रिश्तेदारों का भी दबाव होता है कि गए हो तो सफल होकर ही लौटना I
कम उम्र में ही घर से पहली बार दूर आना, अनजाने चेहरे नया शहर, गलाकाट प्रतिस्पर्धा और माता-पिता के सपनों और उम्मीदों तले,बच्चे वैसे ही सहमे हुए होते हैं, सभी बच्चों का मनोबल एक जैसा नहीं होता, कुछ बच्चे
बार बार असफल होकर भी नहीं हारते ,और कुछ फेल होने के डर से ही ख़ुदकुशी कर लेते है,और कई बच्चे अपने माता-पिता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाने की आशंका से ही अपनी जिंदगी दावं पर लगा देते हैं I पहले की अपेक्षा अब के बच्चों में धैर्य और सहनशीलता की कमी भी दिखाई देती हैं I एक लाख बच्चों में मात्र सौ लोंगो का चयन होता है, इसका मतलब य़ह नहीं कि उन बच्चों में किसी तरह की कोई कमी है या जीवन मे कामयाब नहीं हो सकते I
पहले की अपेक्षा अब हज़ारों विकल्प है, अगर आपके बच्चे में प्रतिभा है,और सही दिशा में मेहनत कर रहा है ,तो ज़रूर किसी ना किसी कार्य में सफलता प्राप्त कर, सम्मानजनक ओहदे पर होगा,और आपका नाम रौशन करेगा I
किसी भी माता-पिता के लिए उनके बच्चे की जिंदगी से बढ़कर और कुछ नहीं हो सकता ,बच्चों की सफलता को कुछ अंकों से ना आंका जाये उनके मन पसंद के विषयों और उनकी रूचि अनुसार कैरियर को ही प्राथमिकता देनी चाहिए और बच्चों को खुला आसमान दीजिए जहां हो बिना किसी दबाव और तनाव के अपने सपनों की उड़ान भर सके I
अनिता वर्मा
भिलाई छत्तीसगढ़
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