जौनपुर। कभी पहलवानों की गढ़ रहा पूर्वांचल आज, सरकारी और सामाजिक अभिप्रेरणा के अभाव में अखाड़ा मुक्त दिशा में बढ़ रहा है। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पहलवान ही आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना पा रहे हैं। यदि हम 40– 50 वर्ष पहले नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि हर गांव में अखाड़े हुआ करते थे। नाग पंचमी का दंगल अब बीते दिनों की बात हो गई है। गांव के अखाड़े में कभी कुश्ती के चैंपियन हुआ करते रहे पहलवान शोभनाथ पाठक (90 वर्ष )के निधन से आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। जौनपुर जनपद के बदलापुर तहसील अंतर्गत स्थित अहियापुर गांव निवासी शोभनाथ पाठक का पूरा जीवन सामाजिक कार्यों में बीता। उनके भतीजे और बीजेपी के बदलापुर विधानसभा संयोजक हर्षु पाठक ने बताया कि पिछले कई वर्षों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी। ग्राम प्रधान और उनके पौत्र संदीप पाठक ने बताया कि कुश्ती के प्रति उनका असीम लगाव था। उनका प्रयास था कि गांव के बच्चे भी प्रदेश या राष्ट्र स्तर के पहलवान बनकर नाम रोशन करें। उनके निधन पर डॉ श्रीपाल पांडे, कमला प्रसाद तिवारी, कृष्णदेव दुबे, एड हीरालाल यादव, पत्रकार शिवपूजन पांडे, पत्रकार डॉ सुभाष पांडे, पत्रकार प्रमोद पांडे, अनिल दुबे, दयाशंकर तिवारी, रमाशंकर यादव,प्रमोद यादव, सुशील तिवारी, डॉ राजेश सिंह , सभाजीत यादव, शिव प्रकाश तिवारी, राम गरीब हरिजन, घनश्याम हरिजन, अवधेश तिवारी, अरुण तिवारी, बब्बू दुबे, केके तिवारी, सुरेंद्र पाल, विशाल यादव, शैलेश यादव , रोहित सरोज, सालिक पाठक, दिवाकर पाठक, सूर्य नारायण पाठक, मदन पाठक, अमित पाठक, सोनू पाठक, डॉ गुड्डू पाठक आदि ने गहरा दुख प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति हेतु ईश्वर से प्रार्थना की है।
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