श्रीभगवान तिवारी के निधन से उत्तर भारतीय समाज में शोक की लहर

अमेठी। पूरे हरिराम तिवारी का पुरवा ( हारीपुर ) अमेठी के वरिष्ठ समाजसेवी श्रीभगवान तिवारी का 86 वर्ष की आयु में निधन. श्रीभगवान तिवारी के जीवन का लम्बा समय मुंबई महानगर में बीता जहाँ उन्होंने अपनी आजीविका के साथ साथ समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान दिया. एक भव्य शिवमन्दिर के निर्माण में विशेष योगदान रहा.कल्याण मुंबई में उन्होंने एक विद्यालय की भी स्थापना की है.पिछले तेइस वर्षों से अपनी जन्मभूमि में रहते हुये भी अनेक सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे. उनके सुपुत्र डॉ. रमाकांत तिवारी ने दो हजार बीस में उनके विवाह के साठवीं सालगिरह पर उनका पूरे रीति रिवाज़ से पुनर्विवाह कराकर उन्हें अमेठी सहित पूरे देश में चर्चा में ला दिया. उनका जन्मदिन उनके परिवार के लोग इस तरह मनाते की वह चर्चा का विषय बना रहता. श्रीभगवान तिवारी धार्मिक सामाजिक कार्यों को हमेशा करते रहते जो लोगों की प्रेरणा बन जाता. वे अपने पीछे तीन पुत्र दो पुत्री पत्नी नाती पोते छोड़कर गये हैं। उनके निधन से उत्तर भारतीय समाज में शोक की लहर फैल गई।

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