डोम्बिवली । भागवत से भक्ति एवं भक्ति से शक्ति की प्राप्ति होती है तथा जन्म जन्मांतर के सारे विकार नष्ट होते हैं। शुद्धिकरण होता है। प्रतिदिन हमें अपनी व्यस्त दिनचर्या से प्रभु भक्ति के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। भागवत कथा सुनने से जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं। डोम्बिवली के मोठेगांव स्थित मनपा शाला के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भागवत महापुराण सप्ताह कथा महायज्ञ में व्यास पीठ से बोलते हुए काशी के प्रसिद्ध विद्वान श्री श्री कुणाल महाराज ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि यही एक ग्रंथ है जो पूरे विश्व को शांति और खुशहाली की राह पर ला सकता है। ज्ञातव्य है कि काशी में पैदा हुए श्री श्री कुणाल महाराज भारत के कई राज्यों के साथ-साथ बड़े बड़े महानगरो में भी श्रीमद् भागवत की कथा सुन चुके हैं। अब तक करीब 500 कथा सुना चुके श्री कुणाल महाराज सिर्फ मानव कल्याण और सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए कथा सुनाते हैं। उन्होंने कभी कथा को व्यावसायिक नहीं बनाया। हिंदी और संस्कृत के अलावा अंग्रेजी भाषा पर भी उनका प्रभुत्व साफ दिखाई देता है। अत्यंत सरल, विनम्र और शालीन कुणाल महाराज पूरी तरह से सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। 17 दिसंबर से शाम 6 बजे से शाम 9 बजे तक आरंभ कथा का समापन 23दिसंबर को होगा।आध्यात्मिक मानव विश्वा कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशिधर शुक्ला, उपाध्यक्ष मनोज तिवारी, संजय शुक्ला, लोकेश पाण्डेय, कोषाध्यक्ष सुभाष मिश्रा, वेद शुक्ला, महेश मिश्रा, पंडित विश्वनाथ दुबे, सहित तमाम सहयोगियों ने कथा को सफल बनाने में विशेष सहयोग रहा।
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