संगीत साहित्य मंच ठाणे की 106वीं काव्यगोष्ठी संपन्न

ठाणे। साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच की 106वीं मासिक काव्यगोष्ठी शनिवार दिनाँक 16 मार्च 24 को संस्था के सदस्य वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश सिंह के आवास पर मुख्य अतिथि उमाकांत वर्मा की उपस्थिति,वरिष्ठ कवि अरुण मिश्र अनुरागी की अध्यक्षता तथा उमेश मिश्र प्रभाकर के संचालन में सम्पन्न हुई।शुभारम्भ सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" द्वारा माँ सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरुप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया,तत्पश्चात नवकुंभ साहित्य सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल कुमार राही द्वारा सुन्दर ग़ज़ल का मधुर कंठ से गायन किया गया।इसके बाद शारदा प्रसाद दूबे द्वारा माता सरस्वती के आवाहन के साथ रक्तदान पर कविता का सुन्दर पठन किया गया।अगली कड़ी में मधुर द्वारा राम केवट संवाद एवं बेटी की विदाई पर भोजपुरी गीत प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए भाजभा के संरक्षक रघुवंशी को आमंत्रित किया तथा रामप्यारे रघुवंशी ने "आओ मिलकर दिया जलाएं " नामक सुंदर कविता का गायन किया।अगली कड़ी मे ओम प्रकाश सिंह द्वारा "कहाँ नहीं है मेरा राम "का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया।वरिष्ठ कवि तिलक राज खुराना जने कुछ भूली विसरी यादें, मुक्तक एवं एक मोटिवेशनल गीत का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया।अगली कड़ी में वरिष्ठ कवि अजय सिंह ने विभिन्न प्रकार के परिवारों पर उमेश मिश्र प्रभाकर ने श्रीराम पर कुछ मुक्तक का गायन करते हुए "भारत माँ के जख्मो को बोलो कौन सुनाएगा "नामक कविता का पाठन किया!क्रम को आगे बढ़ाते हुये वरिष्ठ कवि उमाकांत वर्मा ने शायराना अंदाज़ में शैरोशायरी एवं ग़ज़ल प्रस्तुत किया।गोष्ठी के अध्यक्ष श्री अरुण मिश्र अनुरागी जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के बाद एक सुन्दर श्रृंगार गीत प्रस्तुत किया!आज की गोष्टी विशेष रूप से भोजपुरी के बाद साथ हास्य रस,श्रृंगार रस तथा देश भक्ति से परिपूर्ण रही।अंत में सहसंयोजक मधुर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और सबका आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।सभी प्रतिभागियों ने जमकर गोष्ठी का आनन्द उठाया।

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