पालघर लोकसभा टिकट को लेकर राजनीति गरमाई


उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस बढ़ा

बविआ से राजेश पाटिल हो सकते हैं ? उम्मीदवार





वसई : लोकसभा की 543 सीटों पर चुनावों की तारीखों के साथ ही देश में 16 मार्च 2024 को जैसे ही आचार संहिता लागू की गई। पालघर लोकसभा टिकट को लेकर राजनीति तेज हो गई हैं। हालांकि अभी तक किसी भी बड़ी पार्टी ने पालघर लोकसभा के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं किया हैं। बड़ी पार्टियों से उम्मीदवार कौन होगा इस बात को लेकर क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म हो गया हैं।प्रत्येक पार्टी द्वारा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की समीक्षा लगभग कर ली गई है। बावजूद इसके किसी भी बड़ी पार्टी ने अभी तक उम्मीदवार के नाम की घोषणा नही किया हैं। बतादे कि पालघर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र महाराष्ट्र के 48 लोकसभा क्षेत्र में से एक है. 12 जुलाई 2002 को गठित परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद यह निर्वाचन क्षेत्र 19 फरवरी 2008 को अस्तित्‍व में आया.एसटी के लिए रिजर्व इस सीट से 2009 में पहली बार संसदीय चुनाव लड़ा गया था। इस चुनाव में बहुजन विकास आघाडी के बलिराम जाधव विजयी हुए थे। उसके बाद सन 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बीजेपी के उम्मीदवार चिन्तामन वनगा को जीत मिली थी। चिन्तामन वनगा के निधन के बाद सन 2018 में हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र गावित को जीत मिली थी। इसके बाद सन 2019 के चुनाव में धनुष बाण सेंबल से राजेंद्र गावित को क्षेत्र की जनता ने पुनः एक बार चुनकर संसद भेजा। वर्तमान में पालघर लोकसभा के सांसद राजेंद्र गावित शिव सेना शिंदे गुट में हैं। शिंदे गुट शिवसेना नेता श्रीकांत शिंदे, नरेश म्हस्के ने सार्वजनिक रूप से लोकसभा के लिए राजेंद्र गावित के नाम की घोषणा की है। हालांकि, शिवसेना महागठबंधन का हिस्सा है, लेकिन राजेंद्र गावित के नाम का पालघर में बीजेपी के स्थानीय पदाधिकारी कड़ा विरोध कर रहे हैं। नारायण राणे ने अपने पालघर दौरे के दौरान पुष्टि किया था कि पालघर लोकसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार लड़ेंगे, वहीं दिवंगत पूर्व मंत्री विष्णु सावरा के बेटे हेमंत सावरा का नाम भी आगे आ रहा हैं। इसके साथी ही तत्कालीन बहुजन विकास अघाड़ी से भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक विलास तारे भाजपा से नामांकन पाने के लिए निरंतर कोशिश कर रहे हैं। जबकि इस चुनाव में पालघर में महायुति बनाम महाविकास अघाड़ी में बड़ी लड़ाई होने की संभावना जताई जा रही है। बहुजन विकास अघाड़ी की भूमिका अभी भी चर्चा में है। क्योंकि पालघर लोकसभा अंतर्गत आने वाले 6 विधानसभा सीटों में बोईसर, नालासोपारा और वसई विधानसभा पर बहुजन विकास आघाडी का कब्जा हैं। जबकि विक्रमगढ़ से राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार ) पार्टी का विधायक हैं. इसके साथ ही दहानू विधानसभा क्षेत्र से सीपीआई (एम) के विधायक हैं। और पालघर विधानसभा से शिवसेना के विधायक हैं। इसलिए लोकसभा में बहुजन विकास आघाडी का पलड़ा भारी माना जा रहा है. बहुजन विकास अघाड़ी के पूर्व सांसद बलिराम जाधव या मौजूदा विधायक राजेश पाटिल को उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा हो रही है। क्षेत्र में ऐसी भी चर्चा हैं कि महाविकास आघाडी के समर्थन से पूर्व सांसद बलिराम जाधव उम्मीदवार हो सकते हैं.वहीं विश्वस्त सूत्रों की माने तो राजेंद्र गावित पुनः एक बार कमल के सिंबल पर चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा समीकरण बनता हैं  तो निःसंदेह पालघर लोकसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प हो जाएगी। हालांकि अभी किसी भी बड़ी पार्टी ने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया हैं। बहुत जल्द ही लोकसभा उम्मीदवारों के नाम घोषणा पार्टियां कर देंगी। क्योंकि पालघर लोकसभा के लिए 20 मई को मतदान होगा।

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