आज़मगढ़। भोजपुरी के अप्रतिम गायक गंगा गुंजन का हृदयगति रुकने से बीएचयू में दुःखद निधन हो गया। 31 वर्ष की अल्पायु में उनका इस दुनिया को अलविदा कहना पूरे जनपद वासियों को रुला गया। गंगा गुंजन कम उम्र में ही भोजपुरी चैनलों में अपनी गायिकी का लोहा मनवा चुके थे। पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में उनके गीत बड़े चाव से सुने जाते थे। उन्होंने कवि लाल बहादुर चौरसिया द्वारा रचित कई गीतों में अपनी आवाज़ दी थी, उनमें से कुछ गीत वायरल हुए। इसी क्रम में उन्होंने भोजपुरी की विभिन्न धाराओं मसलन चैता, कजरी, सोहर, कहरवा आदि में गायन किया है। ये गीत पुरबिया संस्कृति को समझने में मददगार सिद्ध होंगे। सारेगामापा रंग पुरवइया रियलिटी शो (गंगा बिग टीवी) में कई एपीसोड तक अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरने वाला यह होनहार गायक विभिन्न गायन प्रतियोगिताओं में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया था । यूट्यूब पर - मौनी बाबा की पावन कथा भाग एक और भाग दो, मौनी बाबा की पावन आरती, बरुआ बाबा की पावन कथा, सिवनिहवां बाबा की पावन कथा, दुर्गा जी की पावन कथा, महिषासुर वध, देवी गीत, शिव गीत, सामाजिक गीत सहित सैकड़ों भोजपुरी गीत उन्होंने गाया था। विभिन्न मंचों पर देवी जागरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम व वैवाहिक उत्सवों में शानदार प्रस्तुतियों से गंगा गुंजन ने काफी लोकप्रियता हासिल की थी। देश-विदेश में बसे गंगा गुंजन के प्रशंसकों में इस समय मायूसी का माहौल है। नई प्रतिभाओं पर अपनी पैनी नजर रखने वाले हिमाचल प्रदेश के राजेंद्र तिवारी ने कहा, एक चमकते सितारे का अस्त हो जाना पूरे क्षेत्र के लिए दुखदाई है। वहीं लखनऊ के विद्वान मनीषी चंडी प्रसाद मिश्र 'चंचल' ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा -
साधना के सिंधु तुमको
है नमन हे बंधु!तुमको,
गायकी का गगन धूमिल
हो गया है,है न झिलमिल,
वेदना के वेग में अब
तनिक अवमंदन न होगा।।
अब पुन: गुंजन न होगा।।
अपने क्षेत्र के ख्यातिलब्ध,अत्यंत सरल और मृदुल गंगा गुंजन के निधन पर डॉ. शालिनी का कहना है, 'इस लोकगायक का असमय चला जाना बहुत कष्टकर है। प्रतिभा के धनी आज़मगढ़ ने एक बहुत उम्दा व्यक्तित्व और कलाकार खो दिया।' मौनी बाबा मंडल के अध्यक्ष राजनाथ पांडेय ने कहा, "गंगा गुंजन जी का असमय, अचानक जाना सहज स्वीकार करना उनके परिवार एवं हम आप सब के लिए बहुत ही कठिन है । लेकिन है तो सत्य । विधि के विधान को हमें स्वीकार करना ही पड़ेगा।' मुंबई से डॉ. जीतेन्द्र पांडेय ने अपनी संवेदना प्रकट करते हुए बताया कि इतना प्रतिभा संपन्न कलाकार का अल्पायु में चले जाना हमारे क्षेत्र की बड़ी क्षति है। गंगा गुंजन अपने गीतों में अमर हो गए। वे हमारे दिलों एवं जुबान पर रहेंगे। इस असामयिक निधन पर लाल बहादुर चौरसिया लाल ने बताया कि गंगा गुंजन के जाने से मेरी बाहें कट गईं। एक हवा का झोंका आया और उन्हें मेरे सामने से लेकर चला गया। इस बेजोड़ फनकार के जाने से आज़गढ़ जनपद शोक संतप्त है।
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