जौनपुर । एक परमात्मा में अपनी श्रद्धा को स्थिर रखो परमात्मा सब के हृदय देश में रहता है। परमात्मा का विशुद्ध अंश आत्मा है ,जो सत्य है शाश्वत है ,अजर, अमर, परिवर्तनशील है ,उसकी ही आराधना करनी चाहिए। उक्त बातें परमहंस आश्रम सिऊरा में स्वामी अड़गड़ानंद महाराज जी के शिष्य निर्मल बाबा ने भक्तों को के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में संबोधित करते हुए इन्होंने कहा कि धर्म परायण सोइ कुलत्राता रामचरण जाकर मन राता। वही धर्म परायण है धर्म का ज्ञाता है नीति में निपुण है वही विद्वान है जिसका मन भगवान श्री राम के चरणों में अनुरक्त हो गया है इन्होंने कहा कि यह अमूल्य मानव तन जो प्राप्त हुआ है उसका उपयोग करें। भगवान के चरणों में अपने को लगाये। सब कार्य करते हुए भगवान का भजन करें तभी कल्याण संभव है यह मानव तन जो देवताओं को भी दुर्लभ है यदि आपको मिला है तो ईश्वर का भजन जरूर करिए सुबह शाम भगवान के लिए भी समय निकले बिना ईश्वर भजन के यह जीवन व्यर्थ है जिस घर में भगवान का भजन नहीं होता है वह घर अस्मशान के समान है ओम अथवा राम जो भी रुचकर हो उसका जप करें। परमात्मा कल्याण करेंगे । इस मौके पर रमेश चंद्र शर्मा, प्रमोद कुमार मिश्रा, आचार्य विनय कुमार दुबे सहित अनेक भक्तजन उपस्थित रहे।
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