भाजपा नेता मनोज बारोट ने पानी की समस्या को लेकर उठाए गंभीर सवाल

महापालिका और टैंकर माफिया पर साधा निशाना

वसई। वसई तालुका के नागरिक पिछले कई वर्षों से पीने के पानी को लेकर त्रस्त और परेशान थी। तालुका की नागरिक की इस मूल-भूत सुविधा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए "केंद्र सरकार" ने "अमृत योजना" के तहत करोड़ों रूपये की निधि उपलब्ध करवा के अलग-अलग पानी प्रकल्प के माध्यम से तथा हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने ऑनलाइन पद्धति से उद्घाटन कर सूर्या पानी प्रकल्प से 85 एम.एल.डी.पानी उपलब्ध करके दिया है,इसकी बदौलत आज वसई विरार शहर महानगरपालिका के पास मुबलक पानी उपलब्ध है।

85 एमएलडी अतिरिक्त पानी उपलब्ध होने के बाद सभी नागरिकों की जरूरत पूरी हो सके इतना पानी उपलब्ध हो चुका है। इसलिए पाइप लाइन की जांच और सफाई के बाद मनपा आयुक्त ने नागरिकों को अपना घरपट्टी (घर टैक्स) भर के नए नल कनेक्शन लेने का अपील किया था। लेकिन मनपा में बैठे कुछ गैर जिम्मेदार व लापरवाह अधिकारी और कर्मचारी पानी का फाइल को हाथ नहीं लगाते है। आखिर क्यों ? ऐसे में नागरिकों को समय पर पानी नहीं मिल पा रहा है और नतीजतन टैंकर का सहारा लेना पड़ा रहा है।

भाजपा वसई जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट का कहना है कि,नायगांव क्षेत्र के कुछ रहवासियों ने मई 2023 में नए नल कनेक्शन के लिए निवेदन दिया था। लेकिन मनपा के अधिकारी ध्यान नही दे रहे थे। इसलिए उन्होंने किसी से बात किया तो उस व्यक्ति ने बारोट को इस विषय से अवगत कराया।

बारोट ने 8 अगस्त को मनपा आयुक्त से विनंती कि, आयुक्त ने संबंधित विभाग को 8 दिन के भीतर फाइल सादर करने का आदेश दिया। लेकिन आज करीबन 2 महीने होने को आया है,इसके बावजूद अधिकारी- कर्मचारी रोज नए- नए बहाने बनाकर इस फाइल को आयुक्त तक नहीं पहुंचा रहे,इससे यह बात साबित होती है कि,अधिकारी- कर्मचारियों काम के प्रति कितने लापरवाह और गैर जिम्मेदार है। आयुक्त के आदेशों को दर किनार कर रहे है। यही कारण है कि,आयुक्त तक पानी की फाइल उनके टेबल तक नही पहुंच पा रही है। यह तो मेरा अनुभव था।लेकिन ऐसे कितने लोग होंगे जो कई सालों से पानी के लिए एडवांस पैसे भर के बैठे बावजूद ना जाने कितने लोग पानी की फाइल के लिए मनपा में चक्कर लगाते होंगे। यह बहुत गंभीर विषय है। 

इसलिए मनोज बारोट ने 25 सितंबर 2024 को आयुक्त अनिल कुमार पवार को लिखित पत्र द्वारा कई सवाल करते हुए कार्यवाही की मांग की है. बारोट का कहना है की, आयुक्त के आदेश के बावजूद यदि अधिकारी कर्मचारी काम को गंभीरता से नहीं लेते इसका मतलब क्या समझा जाए? इसलिए पानी की फाइल को लेकर लापरवाह अधिकारी - कर्मचारी पर आयुक्त तत्काल कार्रवाई करे। अन्यथा यह समझा जाएगा की, अधिकारी कर्मचारी टैंकर माफियाओं को फायदा पहुंचाने, अपनी जेब गरम करने या तो किसी के दबाव में आकर नागरिकों के साथ ऐसा व्यवहार करते है. इसलिए बारोट ने कड़े शब्दो कहा है की यदि अधिकारी कर्मचारियों की जेब गरम किए बिना नया नल कनेक्शन मंजूर नहीं होनेवाला है तो प्रति फाइल अधिकारी कर्मचारियों के तय भाव का फलक मुख्य और विभागीय कार्यालय के प्रवेश द्वार पर दर्शनीय जगह पर लगाया जाए, ताकि, फाइल जमा करते समय ही नागरिक उनके पैसे की व्यवस्था कर के रखे. जिसे नागरिकों को मनपा अधिकारी कर्मचारियों के आगे पीछे भागने की नौबत ना आए और समय पर उन्हें अपने जरूरत का पानी भी मिल सके. यदि आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो आने वाले समय में भाजपा उग्र आंदोलन करेगी ऐसा इशारा बारोट ने अपने पत्र में किया है।

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