महाराष्ट्र में भाजपा की ऐतिहासिक जीत से विरोधी नेताओं के हौंसले पस्त?
विरार (संवाददाता): इस बार के विधानसभा चुनाव 2024 में पालघर जिले की 3 सीटों पर सब की नजरें टिकी हुई थी । महायुति व महाविकास अघाड़ी के उम्मीदवार सत्ता पक्ष से 35 वर्षो के काम काज पर विकास का हिसाब मांगते हुए जनता से परिवर्तन की मांग कर रहे थे । साथ ही महायुति के उम्मीदवार विकास पर तो वोट मांग ही रहे थे साथ ही लाडली बहन योजना की लाभार्थी लाडली बहनों से भरपूर वोट का आशीर्वाद भी मांग रहे थे ।
ज्ञातव्य हैं कि 23 नवंबर के चौकाने वाले आंकड़ों ने साबित कर दिया कि लाडली बहनों द्वारा भरपूर आशीर्वाद आखिर दे ही दिया गया और वसई ,नालासोपारा ,बोईसर से महायुति के उम्मीदवारों को भारी मतों से जिता कर ओवर कॉन्फिडेंस में बैठे नेताओ को बैठा कर,आत्माचिंतन करने पर मजबूर कर दिया है । जनता ने यह मत दे कर व 35 वर्षो की सत्ता परिवर्तन कर यह भी मैसेज दिया है कि अगर विकास ना कर सिर्फ विकास खुद का और अपने लोगो का किया जाएगा और जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसती रहेगी तो यही जनता अपना वक्त आने पर पूरा तख्ता ही पलटने की ताकत रखती है जो वह चुनाव आने पर ईवीएम में बटन दबा कर अपनी इच्छा और नाराजगी भी दिखा देती है जो रिजल्ट के रूप में सत्ता परिवर्तन में दिखाई दे जाता है ।
पालघर जिले की विधानसभा चुनाव 2024 की आंकड़े और जानकारी इस प्रकार हैं। जिले की 6 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर महायुति के उम्मीदवारों ने विजय प्राप्त कर जिले में अपना वर्चस्व स्थापित किया है। इस चुनाव में बहुजन विकास आघाड़ी (बविआ) के तीनों विधायकों की हार के बाद इस पार्टी का पिछले 35 वर्षों से चला आ रहा दबदबा समाप्त हो गया है। डहाणू के विधायक विनोद निकोले ने अपनी सीट बचाई, लेकिन विक्रमगढ़ के विधायक सुनील भुसारा को हार का सामना करना पड़ा। वसई में बहुजन विकास आघाड़ी का पूर्ण पतन हुआ और पार्टी के तीनों मौजूदा विधायक हार गए। लंबे समय से विधायक रहे बविआ के अध्यक्ष हितेंद्र ठाकुर को बीजेपी की स्नेहा दुबे पंडित ने 3,153 वोटों से चौंकाने वाली हार दी। इस सीट पर कांग्रेस के विजय पाटिल को 62,324 वोट मिले।
नालासोपारा में बीजेपी के राजन नाइक ने बविआ के क्षितिज ठाकुर को 36875, वोटों से हराकर 2014 की हार का बदला लिया। बोईसर में बविआ के राजेश पाटिल को शिवसेना (शिंदे) के विलास तरे ने 44,455 वोटों से हराया। डहाणू में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के विधायक विनोद निकोले ने बीजेपी के विनोद मेढा को 5,133 वोटों से हराया। विक्रमगढ़ में बीजेपी के हरिश्चंद्र भोये ने सुनील भुसारा को 41,408 वोटों से हराया। यहां जिला परिषद के मौजूदा अध्यक्ष प्रकाश निकम को 32,568 वोट मिले। पालघर में पूर्व सांसद राजेंद्र गावित (शिवसेना-शिंदे गुट) ने शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के जयेंद्र दुबळा को 40,337 वोटों से हराया।
इस चुनाव में यह सिद्ध होता हैं कि महायुति के उम्मीदवारों ने जिले में अपना वर्चस्व फिर से स्थापित किया है। माकपा की दहानू विधान सभा सीट को छोड़कर जिले की सभी सीटों पर महायुति के उम्मीदवारों की जीत से यह स्पष्ट है कि जिले में बीजेपी का प्रभाव और अधिक बढ़ गया है। महायुति सरकार की लाडली बहन योजना गेम चेंजर साबित हुई इस बात से इनकार नही किया जा सकता है । देखना यह होगा कि यह नवनियुक्त विधायक जिले और तालुका के उज्ज्वल भविष्य और चहुमुखी महाविकास के लिए डबल इंजन सरकार से कितना काम करवा पाते हैं,यही इनका आने वाला राजनीतिक भविष्य तय करेगा ।
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