अपने मजबूत कंधों में छुपे सहारे में,
अपने खामोश त्याग और समर्पण में,
उनके शब्द भले कम हों,
पर हर बात में उनकी गहराई होती है।
वे सुंदर हैं,
अपने सपनों को बुनते हुए,
परिवार की मुस्कान में अपनी खुशी ढूंढते हुए,
दुनिया के दर्द को सहते हुए भी,
अपने भीतर की शांति को बचाते हुए।
पुरुष भी सुंदर हैं,
जब वे सच्चाई से खड़े होते हैं,
हर मुश्किल में साथ निभाते हैं,
जब उनकी आँखें कहती हैं वो बातें,
जो होंठ कहने से कतराते हैं।
~ पुरुष सुंदर हैं,
जब वे बच्चों की तरह हँसते हैं,
हर ठोकर को मुस्कान से सहते हैं,
जब वो हर रिश्ते की डोर को,
अपने धैर्य से बांधते रहते हैं।
उनकी सुंदरता दिखती है,
उनके संजोए हुए सपनों में,
उनकी मेहनत भरी हथेलियों में,
और उस ठंडे पानी की तरह,
जो तपती ज़मीन को राहत देता है।
पुरुष भी सुंदर हैं,
अपने अडिग विश्वास में,
हर हार में नई राह तलाशने में,
अपने आँसुओं को छुपाकर,
दूसरों की हिम्मत बढ़ाने में।
वे सुंदर हैं,
उनकी खामोशी में छिपे जज़्बातों में,
हर मुस्कान के पीछे छिपे संघर्ष में,
और हर प्रेम भरी नज़र में,
जो कहती है, "मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ।"
~
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