बिल्डर से 10 करोड़ रुपए का हफ्ता मांगने वाला पूर्व नगरसेवक गिरफ्तार



भयंदर। एक बिल्डर का आरटीआई कार्यकर्ता से सेटलमेंट कराने के नाम पर तय 1.5 करोड़ रुपए में से 15 लाख की पहली किश्त स्वीकारते बिल्डर के पार्टनर को नवघर पुलिस ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार पार्टनर का नाम हिमांशु राजेंद्र शाह है. नवघर पुलिस ने आकाश पवनकुमार गुप्ता नामक बिल्डर की शिकायत की बाद हिमांशु को शनिवार को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के लिए भाईंदर पूर्व के " बनाना लीफ " होटल में जाल बिछाया था. इस प्रकरण में शामिल अन्य 3 आरोपियों किशोर, स्वप्निल बांदेकर और नितिन को भी पुलिस ने वसई - विरार से गिरफ्तार कर लिया है, ऐसी जानकारी नवघर पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक धीरज कोली ने दी है.

दरअसल चुनाभट्टी के निवासी आकाश पवनकुमार गुप्ता ने नवघर पुलिस में दर्ज कराए अपने एफआईआर में कहा है कि सरकार ग्रुप और महावीर ग्रुप नाम से मुंबई के वरली में एसआरए की बिल्डिंग निर्माण का कार्य कर रहे है. गुप्ता की वसई - विरार में बिल्डिंग निर्माण का कार्य चल रहा है. जिसमें कांदिवली निवासी हिमांशु राजेंद्र शाह उनका पार्टनर है. गुप्ता ने 2022 में चिंता हरनी चिंता पूर्णी रियल्टर्स एल.एल.पी नामक अपनी एक अन्य पार्टनरशिप कंपनी के माध्यम से वरली के आदर्श नगर में झोपड़पट्टी पुनर्वसन योजना ( एसआरए ) के तहत सभी आवश्यक अनुमति लेकर अक्टूबर 2024 से बिल्डिंग का निर्माण शुरू किया है.

गुप्ता के आर्किटेक सूरज सावंत ने उन्हें जानकारी दी कि स्वप्निल बांदेकर नाम के एक व्यक्ति ने उनके आदर्श नगर के निर्माणाधीन बिल्डिंग की कई जगह शिकायत की है. इसके बाद गुप्ता के वसई - विरार के बिल्डिंग निर्माण में पार्टनर हिमांशु शाह ने भी गुप्ता को बताया कि स्वप्निल बांदेकर की राजनीति में बहुत बड़ी पहुंच है और वह बहुत बड़ा आरटीआई कार्यकता है. उससे सेटलमेंट कर ले, नहीं तो वह सभी निर्माण कार्य के प्रोजेक्ट बंद करा देगा. साथ ही हिमांशु ने गुप्ता से कहा कि बांदेकर से उसका अच्छा संबंध है और वह समझौता करा सकता है.

मांगी 10 करोड़ रुपए, 1.5 करोड़ में हुआ समझौता

एफआईआर के अनुसार हिमांशु शाह ने आकाश गुप्ता की माटुंगा के एक कॉफी शॉप में स्वप्निल बांदेकर से मीटिंग कराई. उस समय किशोर और नितिन नामक व्यक्ति भी शाह के साथ मौजूद था. इस मीटिंग में बांदेकर ने अपनी सभी शिकायत वापस लेने के लिए गुप्ता से 10 करोड़ रुपए मांगे. गुप्ता ने उतनी रकम देने में असमर्थता जताई और अंत में 1.5 करोड़ रुपए पर सबकी सहमति बन गई

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