जौनपुर।
मोहब्बत दिल में पैदा कर लिया क्या।।
किसी का दर्द अपना कर लिया क्या।।
ऐसी ही अनेक कालजयी रचनाओं के रचनाकार डा. पी सी विश्वकर्मा साहित्यिक संस्था "कोशिश के संरक्षक, वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्वांचल विश्व विद्यालय के पूर्व डीन, तिलक धारी महाविद्यालय में विधि विभाग के व्याख्याता हमारे बीच नहीं रहे।उनके निधन से पूरा जनपद शोकाकुल हो उठा। संस्था कोशिश के सभी साहित्यकार व जनपद के तमाम गणमान्य लोग उनके आवास पर पहुँच कर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किए।श्रद्धांजलि देने वालों में कोशिश संस्था के पूर्व अध्यक्ष प्रो. आर एन सिंह, राम जीत मिश्रा, अशोक मिश्रा, अनिल उपाध्याय,संजय सिंह, राजेश पान्डेय, मोनिस जौनपुरी, अंसार जौनपुरी, गिरीश कुमार श्रीवास्तव , फूल चन्द भारती, इन्द्र भुवन सिंह, लोलारक दुबे, राम कृष्ण त्रिपाठी एवं शहर के तमाम संभ्रान्त नागरिकों सहित मुंबई महानगर से कवि एवं पत्रकार विनय शर्मा दीप ने श्री विश्वकर्मा जी को भावभिनी श्रद्धांजलि भीगी आँखों से अर्पित किया।डाक्टर पी सी विश्वकर्मा पूर्वांचल के वरिष्ठ साहित्यकार थे उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित व पुरस्कृत हो चुकी है।डाक्टर पी सी विश्वकर्मा के निधन से साहित्य जगत व समाज की अपूर्णीय क्षति हुई है सभी ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किया। एडवोकेट गिरीश कुमार गिरीश ने दो शब्दों में श्रद्धांजलि अर्पित किया।
सुहाना दिन सुहानी रात अब नहीं होगी।।
गै़र मुमकिन है उनसे बात अब नहीं होगी।।
आखें तरसेंगी दीदार कर नहीं सकते-
आज के बाद मुलाकात अब नहीं होगी।।।
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