मुंबई। मत्स्योद्योग विकास नीति निश्चित कराने हेतु महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनायी गयी समिती के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपने पद का इस्तीफ़ापी सौंप दिया है.
जनवरी 2025 से अब तक स्वास्थ्य ठीक न होने से राम नाईक को तीन बार लंबे समय तक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. हालांकि अब स्वास्थ्य में सुधार है, फिर भी डॉक्टरों ने सम्पूर्ण विश्राम का मशवरा दिया है. इसलिए राम नाईक ने पद से इस्तीफ़ा देने का निर्णय किया है. राम नाईक प्रदीर्घ काल से मच्छुआरों के लिए काम करते आए हैं. निजी अनुभव व समिती के सम्मुख पेश सैंकड़ों सुझावों के आधार पर मत्स्य उद्योग को कृषी समान दर्जा प्रदान करना समय का तकाजा है ऐसी राम नाईक की राय है. संयोग से समिति ने अपना रपट देने के पहलेही पिछले महीने मुख्यमंत्री श्री. देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने यह निर्णय किया. इस संदर्भ में सबसे महत्त्वपूर्ण काम तो हो ही गया है, अब नीति संदर्भ में अन्य निर्णय करने में अधिक देरी न हो, इस विचार से श्री. नाईक ने अपना इस्तीफ़ा देने का निर्णय लिया. अपने त्याग पत्र में नाईक ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मत्स्योद्योग व बंदरगाह मंत्री नीतेश राणे को धन्यवाद दिया है.
प्रकृति अस्वास्थ्य के बावजूद नाईक त्यागपत्र देने स्वयं आए यह मुख्यमंत्री जी को उचित न लगने से उन्होंने त्याग पत्र स्वीकार करने अपने प्रतिनिधि को श्री नाईक के निवास स्थान भेजने का आग्रह कल दूरभाष पर किया. आज मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा भेजे प्रतिनिधि को राम नाईक ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया, जिसका मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने स्वीकार किया है।
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