ठाणे। एमटीएनएल में 43 वर्षों तक अपनी निष्ठावान सेवाएं देने के बाद सुरेंद्रनाथ दुबे सोमवार को सेवानिवृत्त हो गए। 60 वर्षीय सुरेंद्रनाथ दुबे जी पिछले 17 वर्षों से मनपाड़ा, ठाणे (वेस्ट) शाखा में कार्यरत थे। सरल स्वभाव, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक रहे सुरेंद्रनाथ
दुबे ने अपने सेवाकाल में एक मिसाल कायम की।
साल 1981 में अपनी सेवा की शुरुआत करने वाले सुरेंद्रनाथ दुबे ने तकनीकी और प्रशासनिक दोनों ही क्षेत्रों में बेजोड़ योगदान दिया। वे सहकर्मियों के लिए मार्गदर्शक और वरिष्ठों के लिए भरोसेमंद स्तंभ रहे। समय की पाबंदी, शांतचित्त व्यवहार और ईमानदार कार्यशैली उनकी पहचान बनी रही। विदाई समारोह में शाखा के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी। सहकर्मियों ने उन्हें ऑफिस की रीढ़ बताते हुए कहा कि उनका अनुभव, सरलता और सहयोगभाव नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बना रहेगा। शाखा प्रबंधक ने कहा, कि सुरेंद्रनाथ दुबे जैसे कर्मयोगी आज के समय में दुर्लभ हैं। उनका कार्यकाल संस्था की धरोहर है। सेवानिवृत्ति के बाद सुरेंद्रनाथ दुबे अब सामाजिक सेवा, आध्यात्मिक अध्ययन और परिवार के साथ समय बिताने की दिशा में सक्रिय रहने की योजना बना रहे हैं। उनकी 43 साल की कार्ययात्रा यह बताती है कि सच्ची निष्ठा, समर्पण और अनुशासन से ही कोई भी कर्मभूमि को तपोभूमि बनाया जा सकता है।
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