सचिन तेंदुलकर से मिलने की राह देख रहा शहीदों का परिवार



मुंबई। पूरे भारत देश में स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों को नमन् किया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घर घर तिरंगा अभियान चलाकर राष्ट्र प्रेम जगाने अपनी की। वहीं छत्तीसगढ़ राज्य बालोद जिले देवगहन गांव में 20 वीर शहीद जवानों के माता-पिता, एवं विधवा अपने शहीद बेटे,पति की प्रतिमा अनावरण हेतु भारत रत्न सचिन तेंदुलकर की बाट जोहते रह गए। विदित हो कि छत्तीसगढ़ बालोद जिले में 20 शहीद जवानों की प्रतिमा शहीद परिवार द्वारा बनवाया गया है जो कारगिल युद्ध, चीन गलवान घाटी हमला, सियाचिन ग्लेशियर, छत्तीसगढ़ नक्सल हमला में शहीद हुए हैं। पिछले माह 10 जुलाई को इन शहीद परिवारों द्वारा मुंबई पहुंचकर भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के निवास बांद्रा पहुंचकर स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 पर इन शहीदों की प्रतिमा अनावरण हेतु आवेदन किया गया था,निज सहायक रमेश पांडेय द्वारा तेंदुलकर के संज्ञान में लाकर शहीद परिवारों को संपर्क करने आश्वत किया गया था , लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद भी स्वतंत्रता दिवस के पश्चात भी शहीद परिवारों को सचिन तेंदुलकर के कार्यालय से किसी भी प्रकार से संपर्क नहीं किया गया। छत्तीसगढ़ से इन शहीद परिवारों को बहुत निराशा हुई है कि भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के कार्यालय से शहीदों के प्रतिमा अनावरण विषय पर संज्ञान नहीं लिया गया। कारगिल युद्ध में शहीद दुर्वासा निषाद के बुजुर्ग पिता मुन्नीलाल निषाद का कहना है कि शहादत को लोग बहुत हल्के में लेने लग गये हैं, लेकिन अपनों को खोने का गम शहीद परिवार ही महसूस कर सकता है। राष्ट्रपति द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित छत्तीसगढ़ नक्सल हमला में शहीद दीपक भारद्वाज की धर्मपत्नी प्रांतिका भारद्वाज का कहना है, शहीदों की प्रतिमा अनावरण हेतु तेंदुलकर सर को छत्तीसगढ़ राज्य आना चाहिए। उनके हाथों अनावरण से शहीदों का सम्मान बढ़ेगा एवं पूरे देश के शहीद परिवार गर्व महसूस करेंगे साथ ही युवाओं में राष्ट्र प्रेम की भावना जागृत होगी। मालूम हो कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री एवं भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के हाथों प्रतिमा अनावरण हेतु शहीद परिवार द्वारा कई महीनों से प्रयास किया जा रहा है। शहीद परिवार तेंदुलकर से मिलने और शहीदों की प्रतिमाओं का अनावरण कराने मुंबई के बार बार चक्कर लगा रहा है लेकिन शहीद परिवारों की उपेक्षा की जा रही है इससे शहीद दुर्वासा निषाद के 76 वर्षीय पिता फिर भी आस लगाए हुए हैं। एक साल गुजर जाने के बाद भी सचिन तेंदुलकर द्वारा शहीद परिवार से न ही संपर्क किया गया ना ही‌ मिलने का अवसर दिया गया। शहीद परिवार के द्वारा कई बार पत्र लिखकर मुलाकात हेतु समय देने निवेदन किया जा चुका है।

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