गणेशोत्सव, महाराष्ट्र और उत्तर भारत की संस्कृति का संगम : विमल प्रताप सिंह



जौनपुर। उत्तरकाशी में पैदा हुए भगवान गणेश का जन्म उत्सव महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के रूप में पूरी भक्ति श्रद्धा और आराधना के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार को महाराष्ट्र के लोगों की तरह ही उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग भी पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। आध्यात्मिक और सामाजिक संस्था परमहंस गोपाल फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी विमल प्रताप सिंह ने गणेशोत्सव की शुभकामनाएं देते हुए उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि यह त्यौहार महाराष्ट्र और उत्तर भारत की संस्कृति का संगम है। सभी गणेश मंडलों में मराठी के साथ-साथ हिंदी के भी भजन गाए जाते हैं। यहां तक हिंदी भाषियों द्वारा स्थापित बप्पा के सामने मराठी भाषा में भजन गीत गाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों प्रदेशों की संस्कृति तथा दोनों प्रदेशों के लोगों में बहुत पुराना संबंध है। जो लोग इस संबंध को बिगाड़ना चाहते हैं, वह सनातन धर्म की विचारधारा के खिलाफ मानसिकता वाले हैं। हमें ऐसे लोगों की परवाह नहीं करनी है। आपसी एकता और भाईचारे को भी अटूट और कायम रखना है।

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