Big News : राजीवली, भोयदा पाड़ा, वाघरल पाड़ा में अंधाधुंध अवैध निर्माण


भू-माफियाओं व अधिकारियों के मध्य अर्थ पूर्ण सेटिंग का मास्टरमाइंड है मनीष ठाकुर?
प्रांताधिकारी, तहसीलदार, तलाठी, मनपा आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त, प्रभारी सहायक आयुक्त नाकारा सिद्ध?
करोड़ों के सरकारी राजस्व में अधिकारियों की सेंधमारी
रविन्द्र दुबे
वसई। वसई तालुका के पूर्वी क्षेत्र भोयदा पाड़ा, वाघरल पाड़ा एवं राजीवली क्षेत्रों में अवैध निर्माणों को कुख्यात दलाल मनीष ठाकुर संरक्षण किए हुए है। मनीष ठाकुर, भ-ूमाफियाओं एवं व वि श मनपा एवं तहसील वसई के महसूल अधिकारियों के मध्य अर्थ पूर्ण सेटिंग कराने के मामले में नम्बर एक पर माना जाता है। स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रांताधिकारी, तहसीलदार एवं तलाठी इत्यादि को अपनी उंगलियों पर नचाता है जब कि वसई विरार शहर मनपा के आयुक्त, अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त, विभागीय सहायक आयुक्त तब सब जानते हुए भी क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण प्रदान किये हुए हैं। नतीजा यह निकलता है कि राज्य सरकार एवं वविश मनपा को मिलने वाला करोड़ों का राजस्व उक्त रिश्वतखोर अधिकारी आपस में मिल बांट रहे हैं।
वृक्षों, तालाबों, नैसर्गिक रास्तों एवं डोगरों का विनाश
राजीवली, भोयदा पाड़ा व वाघरल पाड़ा में अवैध निर्माणों के लिए हजारों हरे-भरे वृक्षों को काटकर समूल नष्ट कर दिया गया है। नैसर्गिक जल निकास के नालों एवं तालाबों को डोंगरों की मिट्टी से पाटने एवं अवैध निर्माण करने की प्रक्रिया तेज है, जिसमें पर्यावरण संतुलन का बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है तथा भूराजस्व, विकास कर एवं अन्य राज्य सरकार व मनपा के करोड़ों रुपयों को मनपा आयुक्त, उपायुक्त, सहायक आयुक्त शॉट महसूल विभाग के अधिकारी अपनी निजी जेबो में डाल रहे हैं।अधिकारियों एवं भू-माफियाओं मध्य रिश्वतखोरी की कड़ी के रूप में दलाल मनीष ठाकुर का नाम उभर कर आ रहा है।
स्थानीय निवासियों की आशंकाएं
वृक्षों की कटाई व तालाबों की भरनी करोड़ों का राजस्व डुबाने एवं पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने से लोगों को घातक महामारियों के संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो गया है। सार्वजनिक उपयोग के लिए जमीन नहीं बची है। बच्चों के खेल के मैदानों एवं हरे-भरे क्षेत्रों का कंकरीटी करण विकास कार्यों के लिए बाधक हो सकता है। बड़े पैमाने पर राजस्व की चोरी से विकास निधि की उपलब्धता पर शंका व्यक्त की जा रही है।

प्रांताधिकारी, तहसीलदार व मनपा अधिकारियों का नाकारापन
अधिकारियों के होने के उपरांत भी उक्त क्षेत्रों में अवैध निर्माणों की भरमार, उनकी उपयोगिता पर ही अनेक सवाल खड़े कर रही हैं। नागरिकों का कहना है कि रिश्वत की लालच में अधिकारी महसूल विभाग की जमीन नहीं बचा पा रहे हैं। जिससे उनके होने न होने का कोई माकूल असर नहीं है।सरकारी जमीन के संरक्षण के लिए जिम्मेदार उक्त अधिकारी रिश्वतखोरी के चलते नाकार साबित हो रहे हैं।
अधिकारियों की रिश्वतखोरी में मनीष ठाकुर की भूमिका
वसई विरार शहर मनपा आयुक्त, उपायुक्त, प्रभारी सहायक आयुक्त, वालीव विभाग सहित प्रांताधिकारी, तहसीलदार  व तलाठी सभी को निष्क्रिय बनाने में दलाल मनीष ठाकुर की भूमिका बताई जाती है जो भू-माफियाओं से उनकी अर्थ पूर्ण (रिश्वतपूर्ण) सेटिंग कराने में मास्टरमाइंड माना जाता है। स्थानीयजनों ने उक्त अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के अनुसार सोचने एवं अवैध निर्माणों के विरुद्ध कार्रवाई करने की अपील की हैं।

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