महाराष्ट्र के बड़े पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह के ‘लेटर बम’ से आए सियासी भूचाल ने उद्धव ठाकरे और दिग्गज नेता शरद पवार की नींदें उड़ा दी हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस संकट में अपने लिए वापसी का अवसर तलाशने लगे हैं। महाराष्ट्र में मचे सियासी घमासान ने एक बार फिर पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। हर दिन एक नया पहलू सामने आ रहा है और यह सवाल खड़े कर रहा है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अब क्या होगा। इसी विषय पर जब हमने ज्योतिष की नजर से देखना शुरू किया और पाया कि यह जो कुछ महाराष्ट्र में घटना क्रम मचा है उसकी पटकथा तो 2 साल पहले ही 28 नवंबर 2019 को लिखी जा चुकी थी, जब उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस विषय में उस समय का आलेख भी प्रस्तुत है, (उद्धव के शपथ ग्रहण में यह चूक पड़ेगी भारी, जानें कितने दिन चलेगी सरकार) जिसमें कहा गया था कि, ‘दो वर्ष के भीतर सरकार के ऊपर कोई बड़ा संकट आएगा, जिससे सरकार की स्थिरता पर प्रश्न चिह्न लग जाएगा। इस विषय पर भविष्यवाणी करने वाले ज्योतिषशास्त्री सचिन मल्होत्रा से जानते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति में अब आगे क्या होने वाला है।
गुरु-शुक्र की परिवर्तनकारी दशा में फंस गए हैं उद्धव !
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था और इनकी कुंडली में लग्न कन्या है। इनकी चंद्र राशि सिंह है। जन्म लग्न से केंद्र में गुरु और बुध अपनी स्वंय की राशियों में होकर उद्धव ठाकरे को एक साफ छवि का नेता बनाते हैं। गुरु में केतु की कठिन दशा में मुख्यमंत्री बने उद्धव ठाकरे अपने कार्यकाल में हमेशा विपदाओं से जूझते रहे हैं। कोरोना महामारी का सबसे विकराल रूप भारत में महाराष्ट्र को झेलना पड़ा है। बीते वर्ष सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु के बाद फिल्म इंडस्ट्री में ड्रग्स रैकेट में भी उनकी पार्टी के ऊपर विपक्षी दल भाजपा, जो कि पूर्व सहयोगी रह चुकी है, जमकर हमले बोला था। वर्तमान में गुरु में शुक्र की 6/8 (षडाष्टक) दशा में चल रहे उद्धव ठाकरे कोरोना की महाराष्ट्र में चल रही दूसरी लहर तथा अपनी सरकार के सहयोगी एनसीपी के मंत्रियों पर लग रहे भ्रष्ट्राचार के आरोपों से मुश्किल में फंस गए हैं। गुरु-शुक्र की विंशोत्तरी दशा अक्टूबर 2020 से जून 2023 तक है। शुक्र इनकी कन्या लग्न की कुंडली में नवम भाव का स्वामी होकर एकादश (लाभ) भाव में बैठा है लेकिन वह शत्रु राशि कर्क में होकर बाहरवें घर के स्वामी सूर्य के साथ संयोग कर रहा है। इन स्थितियों में ज्योतिषीय आकलन यह कहता है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस विवाद में अपनी छवि तो बचा लेंगे लेकिन इनकी सरकार के लिए इस राजनीतिक संकट से पार पाना बेहद कठिन होगा।
क्या शरद पवार बचा पाएंगे महाराष्ट्र सरकार?
तीन बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तथा केंद्र में कृषि और रक्षा मंत्रालय का भार संभाल चुके शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाते हैं जिन्होंने 2019 में अमित शाह की राजनीति को मात देकर महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस को साथ मिलाकर सभी राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया। 12 दिसंबर 1940 बारामती में पैदा शरद पवार की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। इनकी कुंडली में सूर्य और बुध का शानदार बुधादित्य योग बना हुआ है जो इनको राजनीति का एक मंजा हुआ खिलाडी बनता है। लेकिन विवादों और रोग के स्थान छठे भाव में बैठे शनि-गुरु-चंद्र की युति ने इनको पूर्व में कैंसर का रोग तथा राजनीति में बड़े उतार-चढ़ाव भी दिए। वर्तमान में बुध में शनि की दशा इनकी कुंडली में 18 जुलाई तक है। विवाद स्थान यानी कुंडली के छठे घर में बैठे शनि अपनी नीच राशि मेष में है तथा नवांश में सूर्य की राशि सिंह में होकर कमज़ोर स्थिति में हैं। पुलिस अधिकारी परमवीर सिंह के वर्तमान खुलासे के चलते इनकी पार्टी एनसीपी के मंत्री को इस वर्ष जुलाई से पहले इस्तीफा भी देना पड़ सकता है। बाद में बुध-केतु की विंशोत्तरी दशा में अगले कुछ महीनों में सरकार पर कोई बड़ा संकट आ सकता है।
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देवेंद्र फडणवीस की राह भी नहीं है आसान
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का जन्म 22 जुलाई 1970 को नागपुर में हुआ था। कर्क लग्न की इनकी कुंडली में अष्टम भाव में बैठे चंद्रमा पर नवमेश गुरु, दशमेश मंगल और एकादशेश शुक्र की दृष्टि से बने राजयोग के चलते वर्ष 2014 के नवंबर में इन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद प्राप्त हुआ। लेकिन 2019 में बुध में शनि की विकट दशा में वह केवल कुछ दिन मुख्यमंत्री बनाने के बाद इस्तीफ़ा देकर अपनी राजनीतिक फजीहत से अब तक उबर नहीं पाए हैं। बुध की दशा में नीच के शनि का अंतर अभी जून 2022 तक है। ऐसे में फडणवीस को भी कोई बड़ा राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना भी कम ही है। लेकिन उद्धव ठाकरे और शरद पवार की कुंडलियों में चल रही कठिन दशा महाराष्ट्र को आने वाले एक वर्ष में अन्य विकल्प की ओर ले जा सकती है।
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