मुंबई : अखिल भारतीय साहित्यिक संस्था 'संस्कार भारती जहांगीराबाद' के तत्वावधान में आयोजक व संचालक प्रमोद गुप्त के आमंत्रण पर ठाणे (मुंबई) महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध साहित्यकार,राष्ट्रीय नव साहित्य कुंभ के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी, भारतीय जनभाषा प्रचार समिति ठाणे के प्रचार मंत्री,वरिष्ठ समाजसेवी कवि विनय शर्मा 'दीप' का बुद्धवार दिनांक 14 अप्रैल 2021 को फेसबुक पर आनलाइन एक घंटे का एकल काव्यपाठ हुआ।पटल पर मुंबई सहित उत्तर प्रदेश,दिल्ली, गुजरात,मध्यप्रदेश, राजस्थान जैसे प्रदेशों से साहित्यकार श्रोताओं द्वारा 'दीप' के छंद,सवैया के साथ नवरात्रि पर्व पर देवी के भक्तिगीतों को सुन सभी ने तालियों व शब्दों से खूब आशीर्वाद प्रदान किया।उक्त पटल से विनय शर्मा दीप के पूर्व विजयकांत साथी(दिल्ली),मधु श्रीवास्तव (कानपुर),प्रमोद तिवारी (इटावा),डाॅक्टर उमेश चंद्र शुक्ल (मुंबई),चंद्रप्रकाश गुप्त (अहमदाबाद),रूद्र नाथ चौबे(आजमगढ़),श्याम सुंदर तिवारी (खंडवा) आदि ने एकल काव्यपाठ किया है।
विनय शर्मा दीप के कुछ चंद छंद, सवैया एवं देवी गीत -
(1)
माई सरस्वती बार हजार गुहार तहार लगावत बानी।
प्यार क भूखल बा लरिका तइका से दरश जगावत बानी।
(2)
इक बेरी आव माई हमरे तू गाँव ।
दुवरे मोरे बाटे एगो निमिंया क छांव।।
(3)
कोई परिवार कोई जातिवाद पर फिदा,
धर्म संप्रदाय कोई निज स्वार्थ मस्त है।
(4)
राधा बोली सखियों से चलो वृंदावन चलें,
माखन चोर कान्हा कौ पहेली हौं बजाएंगे।।
(5)
ग्रीष्म कुछ तो मंद हो जा, गर्म है परिवेश रे।
चल अचल व्याकुल सभी,फुंकारता अब शेष रे ।।
अंत में जिला संयोजक संस्कार भारती व संचालक,पूर्व पत्रकार प्रमोद गुप्त ने उपस्थित सभी साहित्यकारों के साथ एकल काव्यपाठ के अतिथि कवि विनय शर्मा दीप सहित सभी को आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित कर काव्यगोष्ठी का समापन किया।
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