विदेशों में रोजगार की चाह रखने वालों को उनकी क्षमता के अनुरूप उन्हें आसानी से काम मिल सकेगा। यूपी सरकार अब अपनी रिक्यूट्रमेंट एजेंसी के जरिए यह काम करेगी। अभी तक खाड़ी देशो में जाने वाले कुशल श्रमिक निजी एजेंसियों व एजेंटों के जरिए वहां काम पाते हैं। लेकिन इसमें कई उनके जरिए गुमराह होकर शोषण का शिकार भी होते हैं।
उत्तर प्रदेश का एनआरआई विभाग अपनी यूपीएफसी ओवरसीज मैनपावर रिक्यूटमेंट एजेंसी को राज्य के सेवायोजन पोर्टल से लिंक करेगा। सेवायोजन पोर्टल के रोजगार वाले रजिस्ट्रेशन फार्म यह दर्ज होगा कि क्या आवेदक विदेशों में रोजगार के लिए इच्छुक है। अगर हां तो वह किस देश में रोजगार के लिए जाना चाहता है। विदेशों खास तौर पर खाड़ी देशों में नियोक्ता कंपनियां इस एजेंसी के जरिए इच्छुक आवेदकों की छानबीन करने के बाद रोजगार के लिए बुला सकेंगी। इस मामले में विदेश मंत्रालय में दर्ज नियोक्ता रोजगार दे सकेंगे।
असल में प्रदेश के सेवायोजन पार्टेल पर रोजगार के इच्छुक 70 लाख कुशल व अर्ध कुशल लोग पंजीकृत हैं। भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनियां जो स्वदेशी कामगारों को विदेश स्थित अपनी कंपनियों में रोजगार देने को इच्छुक हैं। इन्हें भी एनआरआई विभाग अपनी एजेंसी से जोड़ेगा।
इन जिलों से ज्यादा लोग जाते हैं विदेश
लखनऊ, बिजनौर, कुशीनगर, देवरिया, गोरखपुर, महाराजगंज, आजमगढ़ व मऊ से हर साल बड़ी तादाद में लोग विदेश रोजगार के लिए जाते हैं। इन जिलों में इस साल सुरक्षित व वैध उत्प्रवासन के लिए जागरुकता शिविर लगाए जाएंगे। विदेशों में रोजगार दिलाने के लिए कामगार अधिकतर प्राइवेट भर्ती एजेंटों के जरिए जाते हैं। ऐसे एजेंट यूपी में 45 हैं। अब सरकार इनके जरिए भेजे जाने वाले कामगारों के रोजगार, व्यापार, वेतन व शर्तों के संबंध पूरा ब्यौरा रखेगी ताकि इन कामगारों के हित सुरक्षित रखे जा सकें।
खास बातें
- 90 लाख प्रवासी भारतीय खाड़ी देशों सऊदी अरब, यूएई, कतर, कुवैत, ओमान, बहरीन, मलेशिया, इंडोनेशिया व थाइलैंड में हैं। इनमें 70 प्रतिशत प्रवासी कामगार हैं।
- निजी विदेशी नियोक्ता की तादाद 1.4 लाख है।
- वर्ष 2019 में यूपी से विदेश जाने वाले कामगारों की तादाद 116251 है। यह देश से बाहर जाने वाले कामगारो का तीस प्रतिशत है।
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