चंद्रभूषण मिश्रा
कंछवा मिर्जापुर उ.प्र.
पंचायत चुनाव उत्तर प्रदेश में जोर शोर से चल रहा है अभी दूसरे चरण का मतदान सम्पन्न हुआ है जबकि तीसरे चरण का मतदान आगामी 26 अप्रैल को सम्पन्न होगा । आज मिर्जापुर जिले मुख्यालय पर अचानक गहमागहमी तब मच गई जब जिला पंचायत सदस्य पद हेतु चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया । दरअसल मंझवा विकास खण्ड में जिला पंचायत सदस्य पद हेतु तीन वार्ड है जिसमें सैकडों प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं । प्राप्त खबर के अनुसार उक्त तीनों सेक्टरों में चुनाव निशान आवंटन के दो दिन बाद पुनः बदल दिया गया । आज चुनाव अधिकारियों ने सभी प्रत्याशियों को जिला मुख्यालय पर बुलाया और सभी प्रत्याशियों के चुनाव निशान बदल दिया गया है ऐसी जानकारी दी जिसे सुनकर सभी प्रत्याशी अधिकारियों पर भड़क गए और हंगामा करने लगे।
उपस्थित सभी प्रत्याशियों का कहना था कि दो दिन पहले हमें चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था जिसके बाद हम लोगों ने अपनी प्रचार सामाग्री खरीद ली है और क्षेत्र में हम प्रचार प्रसार भी कर चुके हैं इसलिए अचानक चुनाव निशान बदल जाने से हमारी प्रचार प्रसार सामग्री भी व्यर्थ हो गयी साथ ही क्षेत्र में अब तक किए गए प्रचार प्रसार का भी कोई मायने नही बचा क्योंकि बैलेट पेपर पर क्रम संख्या एवम हमारे चुनाव निशान बदल चुके हैं अब तक के प्रचार प्रसार में हजारों रुपए हमारे बर्बाद हो गए आखिर इसका भरपाई कौन करेगा क्या प्रदेश सरकार इन अधिकारियों पर निलंबन की कार्यवाही करेगी ।
अधिकारियों पर कार्यवाही भले ही कर दिया जाय लेकिन हम सभी प्रत्याशियों का नुकसान जो हुआ है उसकी भरपाई कभी नही की जा सकती हमें लगभग दो दर्जन गाँव मे प्रचार करना होता है जबकि हमारे पास मात्र तीन दिन बचें हैं अब तीन दिन के भीतर हमे लगभग बीस गाँव मे घर घर जाकर प्रचार करना है वह भी मात्र एक ही वाहन से जाना है क्योंकि चुनाव आयोग द्वारा प्रचार प्रसार हेतु एक उम्मीदवार के लिए एक ही वाहन की स्वीकृति प्रदान की गई है । हालांकि माहौल खराब होते देख चुनाव अधिकारियों ने फोन कर के पोलिस बल मंगवाया और भीड़ को तितर बितर कर मामले को शांत कराया गया ।
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चुनाव के सिंबल जैसी महत्वपूर्ण चीज का बीच समय मे बदलाव करना विधिसम्मत नही है इस प्रकार की घिनौनी साजिश से लोकतंत्र की पवित्रता शर्मसार हो रही है जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग को दण्डात्मक कार्यवाही करनी चाहिए ।
– चंद्रशेखर श्रीवास्तव (सीपक) , प्रत्याशी जिला पंचायत सदस्य सेक्टर क्रमांक – 2 , विकास खण्ड मंझवा
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पंचायत चुनाव में यह मैने पहली बार देखा कि उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह आवंटन के दो दिन बाद पुनः बदलाव किया गया है । चुनाव अधिकारियों द्वारा अपनी तकनीकी गलतियों को सुधारने के बजाय सारा ठीकरा उम्मीदवारों के सर फोड़ दिया गया । चुनाव चिन्ह में बदलाव करने की जरूरत क्यों पड़ी यह अत्यंत गम्भीर विषय है क्योंकि यह नियम विरुद्ध है । उम्मीदवारों को प्रचार प्रसार हेतु दी गयी तय समय सीमा से दो दिन कम कर देना एवम सिंबल बदलने की वजह से प्रचार सामग्री भी निरर्थक हो गयी जिससे उम्मीदवार का चुनाव में खर्च बढ़ गया आखिर सैकड़ों प्रत्याशियों के लाखों रुपये की चुनाव प्रचार सामग्री कचरे में तब्दील हो गई इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा । मै प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार से आग्रह करता हूँ कि उक्त मामले की उच्च स्तरीय जॉच करके दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित करें।
– गंगेश्वर श्रीवास्तव (संजू ) संस्थापक एवम अध्यक्ष शक्ति जनहित मंच ( सामाजिक एवम सांस्कृतिक संस्था ) महासचिव – आल इंडिया फ़िल्म एलाइड मजदूर यूनियन।
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सबेसर ग्राम पंचायत से पूर्व प्रधान राजनाथ ने कहा कि चुनाव निशान क्यों बदला गया यह तो चुनाव आयोग से नियुक्त अधिकारी ही बता सकते हैं लेकिन यह नियम के विरुद्ध हुआ है अधिकारियों द्वारा अपनी गलती छुपाने के चक्कर मे प्रत्याशियों के चुनाव को मजाक बना दिया गया है यह एक तरीके से लोकतंत्र के मूल्यों की हत्या करने का प्रयास किया गया है इसमें साजिश हुई है इससे नकारा नही जा सकता । मैं योगी सरकार से निवेदन करता हूँ कि इस मामले की विभागीय जांच करवा कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाय ।
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बीयचयू के पूर्व छात्र नेता एवम सबेसर ग्राम के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अशोक नेता ने कहा कि पंचायत चुनाव में चुनाव चिन्ह आवंटित होने अगले दो दिन में उम्मीदवारों का चुनाव चिन्ह बदल जाना यह सब एक सोची समझी रणनीति से तैयार की साजिश की हिस्सा है । योगी सरकार के लोगों द्वारा चुनाव अधिकारियों की मिलीभगत से इन सभी साजिशों को अंजाम दिया जा रहा है । चुनाव आयोग के नियमों पर यदि गौर करें तो चुनाव निशान आवंटन के बाद बदलाव करना पूर्णतया गलत एवम असवैधानिक है। इससे अब यह स्पष्ट हो गया कि चुनाव के दौरान भी धांधली होना तय है भाजपा सरकार के लोग प्रशासन से सांठगांठ कर लोकतंत्र को शर्मसार करने का काम कर रहे हैं ।
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